MP का अमरनाथ है पचमढ़ी का ये रहस्यमयी मंदिर, दुर्गम चढ़ाई के बाद होते हैं नागराज के दर्शन
Madhya Pradesh Tourism: मध्य प्रदेश में पर्यटन स्थलों (Tourist Places) की भरमार है. यहां एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगह मौजूद हैं. और बात अगर धार्मिक स्थलों की हो तो मध्य प्रदेश का नाम अग्रणी है. एमपी में एक ऐसा ही रहस्यमयी मंदिर है नागद्वार. इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ (Amarnath) कहा जाता है. ये […]
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Madhya Pradesh Tourism: मध्य प्रदेश में पर्यटन स्थलों (Tourist Places) की भरमार है. यहां एक से बढ़कर एक खूबसूरत जगह मौजूद हैं. और बात अगर धार्मिक स्थलों की हो तो मध्य प्रदेश का नाम अग्रणी है. एमपी में एक ऐसा ही रहस्यमयी मंदिर है नागद्वार. इसे मध्य प्रदेश का अमरनाथ (Amarnath) कहा जाता है. ये मंदिर साल में केवल 10 दिन के लिए ही खुलता है. मंदिर तक पहुंचने के लिए दुर्गम पहाड़ियां पार करना पड़ता है.
नागद्वार मंदिर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (Satpuda Tiger Reserve) में स्थित है. टाइगर रिजर्व में होने की जवह से फॉरेस्ट प्रबंधन मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं देता है. लेकिन सावन के महीने में श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए मंदिर को खोला जाता है.
मध्य प्रदेश का अमरनाथ
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का अमरनाथ कहा जाने वाला नागद्वार मंदिर (Nagdwar Mandir) नर्मदापुरम जिले में स्थित है. पचमढ़ी (Pachmadhi) के पास स्थित ये मंदिर प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. मंदिर सिर्फ सावन के महीने में 10 दिनों के लिए खोला जाता है, इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. नागद्वार मंदिर पहुंचने के लिए अमरनाथ की तरह ही 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. रास्ता काफी मुश्किल है. यात्रा के दौरान करीब 7 पहाड़ क्रॉस करने पड़ते हैं. लेकिन इस दौरान किसी तरह के घोड़े या सवारी की सुविधा भी नहीं मिलती है. कठिन पैदल यात्रा के बाद नागराज के दर्शन मिलते हैं. मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है.
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कैसे पहुंचे?
आमजनों के लिए मंदिर खोल दिया गया है. 12 अगस्त से लेकर 22 अगस्त तक यहां मेले का आयोजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे. नागद्वार मंदिर के रास्ते में खूबसूरत प्राकृतिक नजारे देखने को मिलते है. नागद्वार पचमढ़ी के रास्ते में पड़ता है. पचमढ़ी से आसानी से बस या टैक्सी द्वारा नागद्वार पहुंच सकते हैं.
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