MP में पुलिस की दरिंदगी, रिश्वत के पैसे मांगने आए फरियादी को जिंदा जलाया

विकास दीक्षित

प्रधान आरक्षक सुरेंद्र भील ने रिश्वत के पैसे मांगने पर युवक चंदन गुर्जर को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया. नकली सोने की ठगी से जुड़े इस मामले ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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पुलिस की दरिंदगी
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एमपी के गुना जिले के चाचौड़ा थाना क्षेत्र से एक युवक को सिर्फ इसलिए जिंदा जला दिया गया क्योंकि उसने रिश्वत में दिए गए पैसे वापस मांगे थे. हैरान करने वाली बात ये है कि आरोपी कोई आम आदमी नहीं, बल्कि खुद पुलिस विभाग में पदस्थ प्रधान आरक्षक सुरेंद्र भील है.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल चंदन गुर्जर नाम के एक शख्स को उसके ही परिचित मांगीलाल ने कम दाम में असली सोना दिलाने का झांसा दिया है. चंदन और उसके चार दोस्तों ने 6 लाख रुपये में 20 तोला सोना खरीद लिया, लेकिन जब उसी सोने की जांच कराई गई तो मालूम चला कि सोना नकली है. ये पूरा सौदा दो नंबर यानी गैरकानूनी तरीके से हुआ था, इसलिए इनके पास कोई लिखित सबूत भी नहीं था.

इसके बाद चंदन और उसके साथी ठगों से अपने पैसे वापस लेने की कोशिश करने लगे. पहले उन्होंने फतेहगढ़ थाने में संपर्क किया, लेकिन वहां कोई ‘सेटिंग’ नहीं बन पाई. फिर चंदन ने चाचौड़ा थाना परिसर में रहने वाले प्रधान आरक्षक सुरेंद्र भील से मदद मांगी.

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रिश्वत ली, फिर किया जानलेवा हमला

इस मामले से निपटने के लिए सुरेंद्र भील ने चंदन से 1 लाख रुपये की रिश्वत ली, हालांरि रिश्वत लेने के बावजूद उसने कोई कार्रवाई नहीं की. ऐसे में काम न होने पर चंदन ने अपने पैसे वापस मांगे तो सुरेंद्र ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया.

31 अगस्त को चंदन सुरेंद्र के सरकारी क्वार्टर पर फिर से पैसे मांगने पहुंचा. दोनों में बहस हुई और गुस्से में आकर सुरेंद्र ने चंदन के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा दी.

मरने से पहले दिया बयान

घायल हालत में अस्पताल पहुंचाए गए चंदन ने बताया कि सुरेंद्र भील ने ही उसे आग लगाई थी. वह दर्द से कराहते हुए कहा कि उसने पैसे मांगे थे, इसलिए उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई. चंदन ने अपनी हालत में रहते हुए पुलिस में लिखित शिकायत भी दी थी. चार दिन तक भोपाल के अस्पताल में इलाज चला, लेकिन आखिरकार चंदन जिंदगी की जंग हार गया.

पुलिस का क्या कहना है?

इस मामले में पुलिस ने आरोपी प्रधान आरक्षक सुरेंद्र भील के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उसकी तलाश जारी है. मामला नकली सोने की ठगी से जुड़ा था, जिसमें सुरेंद्र ने खुद को ‘मामला सुलझाने वाला’ बताकर पैसे ऐंठे थे.

पुलिस की मानें तो चंदन ने लगभग 4.5 लाख रुपये नकली सोने के बदले दिए थे. जब उसे ठगी का अहसास हुआ तो वह सुरेंद्र से मदद मांगने पहुंचा, लेकिन मामला उल्टा पड़ गया.

चंदन को इंसाफ चाहिए!

इस मामले में अब चंदन गुर्जर के परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा समाज इंसाफ की मांग कर रहा है. लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या सुरेंद्र जैसे भ्रष्ट पुलिसकर्मी पर सख्त कार्रवाई होगी या यह मामला भी दबा दिया जाएगा?

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