MP में यूपी की SDM ज्योति मौर्य जैसा मामला, पत्नी की मेहनत से पति बना अफसर, फिर मिली बेवफाई

शकील खान

MP News: उत्तर प्रदेश के बरेली की एसडीएम ज्योति मोर्या का मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है. ज्योति मोर्या ने एसडीएम बनने के बाद पति को छोड़ दिया था. सरकारी अफसर बनने के बाद पति को छोड़ देने के इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरीं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के देवास […]

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MP News: उत्तर प्रदेश के बरेली की एसडीएम ज्योति मोर्या का मामला अभी चर्चा का विषय बना हुआ है. ज्योति मोर्या ने एसडीएम बनने के बाद पति को छोड़ दिया था. सरकारी अफसर बनने के बाद पति को छोड़ देने के इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरीं. ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के देवास से सामने आया है, लेकिन यहां पत्नी नहीं बल्कि पति पर बेवफाई के आरोप हैं. दरअसल पति ने अफसर बनते ही पहली पत्नी को छोड़ दूसरी शादी कर ली.

मामला देवास के बागली क्षेत्र से आया है, लेकिन यहां पीड़ित पति नहीं बल्कि पत्नी है. पत्नी ने पति को पढ़ाने के लिए घरों में बर्तन मांजे, मजदूरी कर रुपए जुटाए, लेकिन जब पति कमर्शियल टैक्स अफसर बन गया तो दूसरी महिला से शादी कर ली. पति और दोनों पत्नियां आदिवासी समुदाय की हैं.

पति को अफसर बनाया

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आरिया की निवासी ममता का जिला अलीराजपुर निवासी कमरू हठीले से प्रेम-प्रसंग था. जून 2015 में दोनों ने कोर्ट मैरिज की. कमरू स्नातक उत्तीर्ण था, लेकिन उसके पास नौकरी या रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं थी. ममता ने उसे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए कहा. कमरू के पास प्रतियोगिता परीक्षाओं के फार्म और किताबों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं थे, तो ममता ने यह जिम्मा उठाया. इसके बाद पति को अफसर बनाया.

दूसरों के घर में काम करके जुटाए पैसे
जब पति के पास कोई रोजगार नहीं था तो ममता ने दूसरों के घरों में साफ-सफाई की, बर्तन मांजे और दुकानों पर काम कर पैसे जुटाए. ममता ने अपनी कमाई से पति के लिए किताबें-नोट्स मंगवाएं, जिससे वह प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सके. आखिरकार 2019-20 में कमरू को सफलता मिली और कमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर उसका चयन हुआ. रतलाम जिले में उसकी पोस्टिंग हुई. इसी बीच वह जोबट निवासी युवती के संपर्क में आया तो ममता को मायके भेज उसके साथ रहने लगा.

फोटो- एमपी तक

नौकरी लगने के बाद बदल गया
ममता ने बताया कि उसके पहले पति का निधन हो गया था. उसके बाद वह कमरू के संपर्क में आई थी. करीब छह साल दोनों साथ रहे. ममता का कहना है कि उसकी पहली शादी 16 वर्ष पहले हुई थी. शादी के ढाई साल बाद ही पति की मौत हो गई थी, पहले पति से एक बेटा था. लेकिन कुछ महीने पहले ही उसके 15 वर्षीय बेटे की भी मौत हो गई. कमरु ससुराल पक्ष से रिश्ते में लगता था. ससुराल में रहते हुए पति के निधन के बाद प्रेम प्रसंग हो गया था. कमरु उस समय पढ़ाई करता था.प्यार की वजह से कमरु को पढ़ाने के लिए ममता ने खूब मेहनत की थी, लेकिन नौकरी लगने के बाद बदल गया, उसने दूसरी शादी कर ली.

भरण-पोषण देने को भी तैयार नहीं
ममता का कहना है कि दूसरी शादी होने के बावजूद भी वह पति कमरू के साथ रहना चाहती थी, लेकिन उसने साथ रखने से इनकार कर दिया. इसके बाद ममता ने अगस्त 2021 में कोर्ट में वाद दायर किया. लेकिन भरण पोषण के प्रतिमाह 12 हजार ₹ भी नहीं दे रहे. पीड़िता का कहना है कि अब मैं कहा जाऊं, मुझे न्याय चाहिए. ममता के वकील सूर्यप्रकाश गुप्ता का कहना है कि बागली में दायर वाद की सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट में स्वीकार किया था कि ममता मेरी पत्नी है और इसे साथ रखूंगा. नहीं रखने पर 12 हजार रुपए प्रतिमाह देने की बात भी कही थी, लेकिन अब वह इससे भी इनकार करने लगा है.

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