बरगी बांध से बिना सूचना छोड़ा पानी, रायसेन में नर्मदा किनारे लगाई गईं दो दर्जन दुकानें बही
RAISEN NEWS: जबलपुर स्थित बरगी बांध से पानी छोड़ने के कारण रायसेन जिले में स्थित नर्मदा किनारे की दो दर्जन दुकानें बह गईं. लोगों के आरोप हैं कि जल संसाधन विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के डैम से पानी छोड़ दिया और उसकी वजह से नर्मदा नदी के किनारे दुकानें लगाकर गुजर-बसर करने वाले […]
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RAISEN NEWS: जबलपुर स्थित बरगी बांध से पानी छोड़ने के कारण रायसेन जिले में स्थित नर्मदा किनारे की दो दर्जन दुकानें बह गईं. लोगों के आरोप हैं कि जल संसाधन विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के डैम से पानी छोड़ दिया और उसकी वजह से नर्मदा नदी के किनारे दुकानें लगाकर गुजर-बसर करने वाले लोगों की रोजी-रोटी छिन गई. मौके पर रायसेन जिले का प्रशासन पहुंच गया है. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार किसी तरह की कोई जन हानि नहीं हुई है लेकिन नदी किनारे कच्ची दुकानें लगाने वालों का सामान बह गया है और दुकानें डूब गई हैं. प्रशासन अब नुकसान का आकलन कर रहा है.
प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जबलपुर स्थित बरगी बांध से पानी छोड़ने के कारण रायसेन में नर्मदा का स्तर अचानक से बढ़ गया. तेजी से पानी बढ़ता देख सभी दुकानदार दुकान छोड़कर घाट की तरफ भागे और अपनी जान बचाई. लेकिन जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ा था कि दुकानदारों को अपना सामान निकालने का भी वक्त नहीं मिला.
दुकानदारों के आरोप हैं कि यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है. इससे पूर्व भी तीन से चार बार ऐसी घटना हो चुकी है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने इसके लिए कोई ठोस इंतजाम अब तक नहीं किए. जबलपुर और रायसेन प्रशासन अब एक दूसरे पर जिम्मेदारी डालने का काम कर रहे हैं. जबकि दोनों ही जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को इसके लिए पूर्व से सूचना देने और कम्यूनिकेशन की व्यवस्था करना चाहिए थी.
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रायसेन में इन घाटों का बढ़ा जल स्तर
रायसेन जिले के बोरास ,चोरास , अन्घोरा केल्कछ ,केतोघान , अलीगंज सहित दर्जनों ग्राम के घाटो में जल स्तर बढ गया हैं. इसकी वजह से दुकानें पानी में डूबी दिखाई दे रही हैं. दुकानदारों को घाटों को छोड़कर बाहर आना पड़ा है. रायसेन प्रशासन का कहना है कि दुकानदारों को घाट के अंदर जाकर दुकानें नहीं लगाना चाहिए. वहीं जबलपुर प्रशासन और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से तालमेल की बात पर रायसेन प्रशासन अपना पल्ला झाड़ रहा है.
लोगों के आरोप, सर्वे तक नहीं कर रहा प्रशासन
लोगों का कहना है कि जबलपुर से तीन से चार बार महीने में इस तरह से पानी छोड़ा जाता है, जिसकी पूर्व सूचना नहीं दी जाती है. स्थानीय तहसीलदार और एसडीएम को इस मामले में सर्वे करना चाहिए, ताकि दुकानदारों को डूबत क्षेत्र से दूर किया जा सके लेकिन आज तक कोई भी सर्वे स्थानीय प्रशासन द्वारा नहीं किया गया है.