RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने कोर्ट में सरेंडर के लिए दिया आवेदन, अब कोर्ट करेगा फैसला!

सुमित पांडेय

एमपी की राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में रहने वाला सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल था. 2015 के पिता की मौत के बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के तहत यह नौकरी हासिल की थी. लेकिन करीब 7 साल की नौकरी के बाद ही वीआरएस लेकर ठेकेदारी के काम में कूद गया.

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मध्य प्रदेश सरकार ने सौरभ शर्मा केस में बड़ा एक्शन लिया है.
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Madhya Pradesh News: आरटीओ का पूर्व कॉन्स्टेबल धनकुबेर सौरभ शर्मा आखिरकार कोर्ट में सरेंडर करना चाहता है. सौरभ शर्मा ने अपने वकील के जरिए भोपाल कोर्ट में एक आवेदन पेश किया है. आवेदन देकर उसने कोर्ट से सरेंडर करने की अनुमति मांगी है. सौरभ शर्मा के आवेदन पर कोर्ट ने कहा है कि वो इस मामले को विधिवत तरीके से देखेगा.

दरअसल आरटीओ का पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा ED और लोकायुक्त के छापे के बाद से सौरभ फरार था. 17 दिसंबर को सौरभ शर्मा के घर समेत कई ठिकानों पर छापा मारा गया था. छापेमारी के 41 दिन के बाद से सौरभ शर्मा ने कोर्ट में सरेंडर की अनुमति मांगी है.

आपको बता दें कि एमपी की राजधानी भोपाल के पॉश इलाके अरेरा कॉलोनी में रहने वाला सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में कॉन्स्टेबल था. 2015 के पिता की मौत के बाद उसने अनुकंपा नियुक्ति के तहत यह नौकरी हासिल की थी. लेकिन करीब 7 साल की नौकरी के बाद ही वीआरएस लेकर ठेकेदारी के काम में कूद गया.

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आरोप है कि इन सात सालों में सौरभ शर्मा ने परिवहन विभाग के लगभग दो दर्जन चेक पॉइंट्स पर ठेकेदारी का काम लेकर भारी संपत्ति अर्जित की. पिछले महीने पड़े लोकायुक्त पुलिस के छापे में पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के पास 7.98 करोड़ रुपये की चल संपत्ति मिली है, जिसमें 2.87 करोड़ रुपये नकद और 234 किलोग्राम चांदी शामिल था.

जंगल में मिली थी लावारिस कार 

लोकायुक्त की विशेष पुलिस प्रतिष्ठान (SPE) ने पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े कई परिसर से ये संपत्तियां बरामद करने के बाद इन्हें जब्त कर लिया था. हालांकि लोकायुक्त की छापेमारी के बाद आयकर विभाग ने 20 दिसंबर को भोपाल से सटे जंगल में एक लावारिस कार जब्त की थी. इस कार में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की नगदी भी मिली थी.

इस पूरे मामले को लेकर सौरभ शर्मा की लगातार तलाश चल रही है...लेकिन सौरभ शर्मा अभी तक पुलिस और जांच एंजेंसियों की पकड़ से दूर है।

पहले खारिज हो गई थी याचिका

आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा ने अपने वकील के जरिए भोपाल जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था. माना जा रहा था कि सौरभ शर्मा सरेंडर कर सकता है. सौरभ शर्मा की संपत्तियों को लेकर आयकर विभाग और ईडी ने भी जांच शुरू कर दी है. सरेंडर के बाद जांच एजेंसियां सौरभ शर्मा से पूछताछ कर पाएंगी. पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

जंगल में कार में मिला था 52 किलो सोना

भोपाल में 17 दिसंबर को सौरभ शर्मा के घर लोकायुक्त ने छापा मारा था, जिसके बाद अगले दिन आयकर विभाग को भोपाल के करीब मेंडोरा के जंगलों में एक कार मिली थी, जिसमें 52 किलो सोना और 10 करोड़ कैश मिला था. कार सौरभ शर्मा के दोस्त चेतन सिंह गौर के नाम पर रजिस्टर्ड पाई गई है. लेकिन इसका उपयोग सौरभ शर्मा के कार्यालय के लोग करते थे.

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इनपुट- भोपाल से अमृतांशी जोशी

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