"कमलनाथ जी, आप ही संभालो कांग्रेस, किसी दूसरे के बस की बात नहीं", समर्थकों की इस मांग के क्या हैं मायने?

एमपी तक

Kamalnath: कमलनाथ रक्षाबंधन के दिन भोपाल पहुंचे. यहां आते ही उनको कांग्रेस पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और उनसे ऐसी मांग कर डाली, जिसके बाद ये तय माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर बड़ी उथल-पुथल मची हुई है.

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Kamalnath: कमलनाथ रक्षाबंधन के दिन भोपाल पहुंचे. यहां आते ही उनको कांग्रेस पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने घेर लिया और उनसे ऐसी मांग कर डाली, जिसके बाद ये तय माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर बड़ी उथल-पुथल मची हुई है. कमलनाथ जैसे ही भोपाल पहुंचे तो सैकड़ों समर्थकों ने उनसे कहा कि "कमलनाथ जी, आप ही संभालो कांग्रेस, किसी दूसरे के बस की बात नहीं". इस पर कमलनाथ सिर्फ मुस्कुराए लेकिन बोले कुछ नहीं.

कमलनाथ से उनके समर्थकों ने कहा कि जब से आपने मध्यप्रदेश कांग्रेस की बागडोर छोड़ी है, तब से पार्टी के अंदर हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. आप ही कांग्रेस के सभी नेताओं को साथ लेकर चल सकते हैं. इसके लिए जरूरी है कि आप मध्यप्रदेश में अधिक से अधिक समय दें और यहां कार्यकर्ताओं और समर्थकों के साथ लगातार मेल-मुलाकात करें.

कमलनाथ के समर्थकों ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में बीजेपी की कई दमनकारी नीतियां हैं, जिनके खिलाफ आपको मध्यप्रदेश आकर कांग्रेस आंदोलन का नेतृत्व करना चाहिए. सभी समर्थकों की बात सुनने के बाद कमलनाथ ने कहा कि "आप लोग चिंता नहीं करें, जल्द ही सब ठीक हो जाएगा".

जीतू पटवारी के पीसीसी चीफ बनते ही बिखरने लगी है कांग्रेस

यह बात सही है कि कमलनाथ के हाथ से मध्यप्रदेश कांग्रेस की बागडोर लेकर जब से जीतू पटवारी को मिली है, तभी से कांग्रेस पार्टी के अंदर नेताओं के छोड़कर जाने की लाइन लगी हुई है. कई बड़े कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी में जा चुके हैं. जिसमें सबसे ताजा उदाहरण रामनिवास रावत का है जो कभी जीतू पटवारी के साथ ही कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष हुआ करते थे और आज बीजेपी की मोहन यादव सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बन चुके हैं और श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से उप चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हुए हैं.

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कुल मिलाकर भोपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा कमलनाथ को आगे बढ़कर नेतृत्व करने की मांग बता रही है कि जल्द ही मध्यप्रदेश कांग्रेस में बड़े स्तर पर कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं. कमलनाथ द्वारा भोपाल में आकर महिला कार्यकर्ताओं से राखी बंधाने, लोगों से मिलने, पत्रकारों के साथ चर्चा करने की गतिविधियां भी बता रही हैं कि आने वाले समय में कांग्रेस एक बार फिर से नेतृत्व को लेकर गंभीर चिंतन करने वाली है.

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