दिल्ली बैठक में ऐसा क्या हुआ की मुंबई में होने वाली मीटिंग छोड़ सीधे गांव हो गए रवाना शिंदे

शुभम गुप्ता

Maharashtra CM: बैठक के बाद महायुति के नेता मुंबई लौट आए. फडणवीस और अजित पवार ने साथ यात्रा की, जबकि शिंदे अलग से मुंबई पहुंचे. आज रात मुंबई में महायुति के नेताओं की बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन शिंदे अचानक सतारा स्थित अपने गांव रवाना हो गए.

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अजित पवार, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस
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Maharashtra CM: बीती रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिल्ली स्थित आवास पर महायुति के नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, पूर्व उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी नेता अजित पवार, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे शामिल हुए. लगभग तीन घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री पद और कैबिनेट बंटवारे पर चर्चा हुई, लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो सका.

मुख्यमंत्री पद पर सहमति अब भी बाकी

सूत्रों के अनुसार, बैठक में अमित शाह ने शिंदे, फडणवीस और अजित पवार से अलग-अलग बातचीत की. चर्चा में मुख्य जोर कैबिनेट के पोर्टफोलियो बंटवारे पर था. बीजेपी 20 मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है, जबकि शेष मंत्रालय शिवसेना और एनसीपी के बीच बांटे जाएंगे. हालांकि, मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बन पाई है.

मुंबई में होगा अंतिम फैसला

बैठक के बाद महायुति के नेता मुंबई लौट आए. फडणवीस और अजित पवार ने साथ यात्रा की, जबकि शिंदे अलग से मुंबई पहुंचे. आज रात मुंबई में महायुति के नेताओं की बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन शिंदे अचानक सतारा स्थित अपने गांव रवाना हो गए. उनके कल लौटने की संभावना है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर अंतिम फैसला अब मुंबई में होने वाली बैठक में लिया जाएगा.

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शिंदे का 'लाडला भाई' बयान और राजनीतिक सस्पेंस

मुख्यमंत्री पद पर अटकलों के बीच शिंदे ने कहा, "मेरे लिए 'लाडला भाई' का टाइटल किसी भी पद से बड़ा है. महायुति के सीएम को लेकर कोई बाधा नहीं है." उनके इस बयान ने अटकलों को और भी गहरा कर दिया है.

महायुति को प्रचंड बहुमत, लेकिन निर्णय बाकी

23 नवंबर को घोषित हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों में महायुति को 233 सीटों का विशाल जनादेश मिला. बीजेपी ने 132 सीटें जीतीं, शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं. इतनी बड़ी जीत के बावजूद मुख्यमंत्री पद पर सहमति न बनने से महाराष्ट्र की राजनीति में असमंजस की स्थिति बनी हुई है.

मुंबई में होने वाली अगली बैठक पर सबकी निगाहें टिकी हैं. तब तक महाराष्ट्र में राजनीतिक सस्पेंस जारी रहेगा.

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