12 महीने बाद बना दुर्लभ षडाष्टक योग, शुक्र-गुरु खोलेंगे इन राशियों की किस्मत
Shadashtak Yog 2025: 19 दिसंबर से गुरु और शुक्र की विशेष दृष्टि से दुर्लभ षडाष्टक योग बन गया है. यह योग करीब 12 महीने बाद बना है.

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वैदिक ज्योतिष के अनुसार ग्रहों का राशि परिवर्तन और आपसी दृष्टि देश-दुनिया के साथ सभी 12 राशियों के जीवन को प्रभावित करता है. इस समय देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में वक्री अवस्था में हैं और जून 2026 तक यहीं रहने वाले हैं. इस दौरान गुरु की कई ग्रहों से युति और दृष्टि बन रही है, जिससे शुभ-अशुभ योगों का निर्माण हो रहा है.

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गुरु-शुक्र का विशेष योग: ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक 19 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 12 मिनट पर गुरु और शुक्र एक-दूसरे से 150 डिग्री की स्थिति में आ गए हैं. इसी खगोलीय स्थिति से षडाष्टक दृष्टि योग बन गया है. इससे पहले शुक्र वृश्चिक राशि में और गुरु मिथुन राशि में वक्री अवस्था में विराजमान थे. यह योग करीब 12 महीने बाद बन रहा है, इसलिए इसका प्रभाव खास माना जा रहा है.

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शुक्र-गुरु का संयोग क्यों माना जाता है शुभ: शुक्र को धन, सुख-सुविधा और वैभव का कारक माना जाता है, जबकि गुरु भाग्य, ज्ञान और विस्तार के प्रतीक हैं. जब ये दोनों ग्रह विशेष दृष्टि संबंध बनाते हैं, तो आर्थिक लाभ, करियर में उन्नति और पारिवारिक सुख के योग बनते हैं. यह विश्लेषण चंद्र राशि के आधार पर किया गया है.

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कर्क राशि: आर्थिक और पारिवारिक समस्याओं से राहत: कर्क राशि के जातकों के लिए यह षडाष्टक योग कई मायनों में लाभदायक रह सकता है. इस राशि के दूसरे भाव में गुरु और पांचवें भाव में शुक्र की स्थिति बन रही है. लंबे समय से चली आ रही पारिवारिक और निजी परेशानियां धीरे-धीरे खत्म हो सकती हैं. आय में बढ़ोतरी के संकेत हैं और बचत करने के अवसर भी मिल सकते हैं. जीवन में सकारात्मक बदलाव और मानसिक सुकून बढ़ेगा.

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मेष राशि: करियर और धन के नए रास्ते खुलेंगे- मेष राशि की गोचर कुंडली में शुक्र आठवें भाव में और गुरु दूसरे भाव में स्थित हैं. इस कारण आर्थिक तंगी से राहत मिलने के योग बन रहे हैं. आय के नए स्रोत सामने आ सकते हैं. नौकरी और व्यापार दोनों क्षेत्रों में तरक्की के संकेत हैं. मेहनत का पूरा फल मिलने की संभावना है और दांपत्य जीवन में भी सुधार देखने को मिल सकता है.

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अन्य राशियों पर भी दिखेगा आंशिक असर: ज्योतिषियों के अनुसार इस षडाष्टक योग का प्रभाव केवल इन्हीं दो राशियों तक सीमित नहीं रहेगा. कुछ अन्य राशियों को भी परिस्थितियों के अनुसार लाभ या नए अवसर मिल सकते हैं, हालांकि मुख्य लाभ ऊपर बताई गई राशियों को मिलने के संकेत हैं.











