GST में अब सिर्फ होंगे दो टैक्स स्लैब! किसे मिलेगा फायदा, किसे उठाना पड़ेगा नुकसान?

अलका कुमारी

Next-Generation GST Reform: वित्त मंत्रालयल ने जीएसटी काउंसिल के पास जीएसटी रिटर्न पर रिफंड प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रस्‍ताव पेश किया है.

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79वें स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त के खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से 2 बड़ी घोषणाएं की. इनमें से एक का असर सीधा आपकी जेब पर पड़ने वाला है. दरअसल, पीएम ने अपने भाषण के दौरान GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) प्रणाली में बड़े बदलाव का ऐलान किया है जो इस साल दिवाली से पहले लागू हो सकता है.

सरकार के नए रिफॉर्म के तहत टैक्स को सिर्फ दो स्लैब में रखने का प्लान है, जिससे आम आदमी की रोजमर्रा की जरूरतों का सामान सस्ता हो सकता है. 

ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि क्या है ये 'Next Generation GST' और इससे आम जनता को कैसे फायदा पहुंच सकता है. 

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सबसे पहले समझिए ये GST है क्या 

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स को भारत में सबसे पहले 30 जून 2017 में लागू किया गया था. उस वक्त संसद भवन में एक खास कार्यक्रम आयोजित किया गया और रात के 12 बजे ऐप के जरिए इसे देशभर में लागू कर दिया गया था.

इससे पहले भारत में कई अलग अलग वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगते थे. इन सभी टैक्स को हटाकर उसे जीएसटी के अधीन लाया गया था.

GST लागू करते वक्त सरकार ने दावा किया था कि यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा टैक्स सुधार है. इस टैक्स को 'एक देश- एक कर' बताया गया.

अभी कितने टैक्स स्लैब हैं 

वर्तमान में GST के 4 मुख्य स्लैब हैं, इनमें 5%, 12%, 18% और 28% शामिल है. इसके अलावा कुछ वस्तुओं पर विशेष टैक्स रेट भी लगाया गया है.

- 5% के स्लैब में रोजमर्रा की जरूरी चीजें जैसे खाद्य सामग्री, दवाइयां, घरेलू उपयोग की कुछ वस्तुएं शामिल है.
- 12% के स्लैब में थोड़ी बेहतर क्वालिटी या प्रोसेस की गई वस्तुएं जैसे मोबाइल फोन, प्रोसेस्ड फूड आता है.
- 18% के स्लैब में ज्यादातर सर्विसेज, रेस्तरां, कपड़े, कॉस्मेटिक प्रोडक्ट, गैजेट्स आदि आते हैं.
- 28% के स्लैब में लग्जरी आइटम्स, तंबाकू उत्पाद, कार, एयर कंडीशनर आदि आते हैं. 

8 सालों बाद अब बदलाव की जरूरत क्यों 

इस टैक्स रिफॉर्म के पीछे का मकसद GST सिस्टम को आसान बनाना है. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में इसी सवाल के जवाब में कहा कि GST को आए 8 साल हो चुके हैं. इसे पहली बार 1 जुलाई 2017 को शुरू किया गया था. इन 8 सालों के अनुभव के बाद अब सरकार इसे और आसान बनाना चाहती है ताकि आम जनता और कारोबारियों को किसी तरह की दिक्कत न हो.

इसे ऐसे समझिए कि सरकार अब 12% के GST स्लैब को खत्म करने और उसमें आने वाले सामानों को 5% और 18% के स्लैब में बांटने पर विचार कर रही है. 

नेक्‍स्‍ट जनरेशन जीएसटी के तहत क्‍या-क्‍या बदल जाएगा

पीएम मोदी के इस ऐलान के तुरंत बाद वित्त मंत्रालय ने बताया कि केंद्र सरकार ने GST दरों को आसान करने का प्रस्ताव GST काउंसिल के मंत्रियों के समूह (GoM) को भेजा है. अगर ये प्रस्ताव मान लिया जाता है तो यह 2017 में GST लागू होने के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म होगा. इससे आम जनता और कारोबारियों दोनों पर असर पड़ेगा.

सरकार ने GST सुधार की जो योजना बनाई है, वो तीन मुख्य हिस्सों पर टिकी है:

1. स्ट्रक्चरल रीफॉर्म

- वर्तमान में जो नियम है उसके अनुसार कुछ चीजों पर इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर यानी उल्टा टैक्स लागू होता है, जिससे कारोबारियों को नुकसान होता है. अब इसे ठीक किया जाएगा.

- किस चीज पर कितना टैक्स लगेगा इसे भी साफ-साफ तय किया जाएगा ताकि कोई भ्रम न रहे. इससे टैक्स सिस्टम में स्थिरता और स्पष्टता आएगी.

2. टैक्स दरों का सुलझाव (Rate Rationalisation)

-  अब GST में केवल दो मुख्य टैक्स स्लैब होंगे, पहला- स्टैंडर्ड स्लैब और दूसरा मेरिट स्लैब.
- नए जीएसटी में बहुत कम चीजों पर ही अलग टैक्स लगेगा.

इससे आम जनता को फायदा ये होगा कि उन्हें कई सारे जरूरी चीजों पर कम टैक्स देना होगा और चीजें सस्ती मिलेंगी.

3. आसान जीवन और व्यापार (Ease of Living & Doing Business)

-  जीएसटी रिफॉर्म होने से स्टार्टअप्स के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले से आसान की जाएगी. 
-  इसके अलावा GST रिटर्न पहले से भरे हुए मिलेंगे जिससे फाइलिंग करना आसान होगा.
- रिफंड जल्दी मिलेगा, खासकर एक्सपोर्टर्स और उन लोगों को जिनका इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर है.

इससे आम आदमी को कैसे मिलेगा फायदा?

अगर रोजमर्रा की चीजों पर टैक्स कम लगता है तो खाने-पीने, कपड़े, घरेलू सामान जैसी चीजें सस्ती हो जाएंगी. वहीं रसोई का सामान, स्टेशनरी, किताबें व अन्य जरूरी चीजें सस्ती होने से महिलाओं और छात्रों का खर्च भी कम होगा.

खेती से जुड़ी चीजों पर टैक्स कम होने से किसानों को राहत मिलेगी और उनकी लागत घटेगी. इसके अलावा छोटे व्यापार और स्टार्टअप्स के लिए पंजीकरण और रिटर्न फाइलिंग आसान हो जाएगी.  

जो लोग एक्सपोर्ट करते हैं या जिनका टैक्स स्ट्रक्चर उल्टा है, उन्हें अब रिफंड जल्दी मिलेगा जिससे उनका पैसा फंसेगा नहीं. 

कब से लागू होगा ये नया सिस्टम?

फिलहाल सरकार ने इस नई योजना को GST काउंसिल के सामने भेज दिया है. काउंसिल की अगली बैठक में इसे मंजूरी दी जाने की उम्मीद है और दिवाली से पहले इसे लागू किया जा सकता है. यानी बहुत ही जल्द ही देश के लोग GST के नए और आसान सिस्टम का फायदा उठाने लगेंगे.

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