भारत के लिए कितना खतरनाक है HMPV, चीन में कोविड-19 के बाद एक नए वायरस की एंट्री!

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कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में 70 लाख से अधिक मौतों के पांच साल बाद, चीन में एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कहा जा रहा है.

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HMPV Virus: कोविड-19 महामारी से दुनियाभर में 70 लाख से अधिक मौतों के पांच साल बाद, चीन में एक नए वायरस ने दस्तक दे दी है. इस वायरस को ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कहा जा रहा है. यह वायरस मुख्य रूप से सांस लेने में कठिनाई और फ्लू जैसे लक्षण पैदा कर रहा है. चीन में HMPV तेजी से फैल रहा है, और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों और बुजुर्गों पर हो रहा है. 

कोविड-19 के बाद एक और स्वास्थ्य संकट की आशंका

चीन में इस वायरस के तेजी से फैलने के बाद पड़ोसी देश अलर्ट हो गए हैं. चीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि HMPV को फिलहाल कोविड-19 जैसी महामारी नहीं माना जा रहा है. 

चीन के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और रोकथाम प्रशासन ने कहा है कि उन्होंने सांस संबंधी समस्याओं और फ्लू के मामलों की निगरानी और जांच के लिए एक प्रक्रिया बनाई है. रिपोर्ट के अनुसार, 16 से 22 दिसंबर के बीच चीन में सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. सोशल मीडिया पर कुछ दावों के अनुसार, चीन ने "स्टेट ऑफ इमरजेंसी" भी घोषित कर दी है, लेकिन इसकी पुष्टि आधिकारिक रूप से नहीं की गई है.

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HMPV के अलावा अन्य वायरस का खतरा

चीन में HMPV के साथ-साथ अन्य वायरस, जैसे इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 भी तेजी से फैल रहे हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, बच्चों के अस्पतालों में निमोनिया और 'व्हाइट लंग' के मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है. चीन का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) इन बीमारियों की बारीकी से निगरानी कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है.

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) क्या है?

HMPV एक ऐसा वायरस है जिसके लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं. यह खांसी, गले में खराश, नाक बहने और सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है. छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में यह संक्रमण गंभीर हो सकता है. 

HMPV और कोविड-19 में क्या समानताएं हैं?

  • HMPV और कोविड-19 दोनों श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं. 
  • बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ.
  • दोनों वायरस रेस्पिरेटरी ड्रॉपलेट्स (खांसने और छींकने के दौरान निकलने वाली बूंदें) और प्रदूषित सतहों के जरिए फैलते हैं. 
  • दोनों वायरस का असर मुख्य रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वाले व्यक्तियों पर होता है. 

HMPV संक्रमण से बचाव के उपाय

  • साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं (कम से कम 20 सेकंड तक).  
  • बिना धोए हाथों से चेहरे (आंख, नाक, मुंह) को छूने से बचें.  
  • संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें.  
  • मास्क पहनें और छींकते-खांसते समय मुंह-नाक को ढकें.  
  • हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें.  

HMPV का इलाज और टीका

HMPV के लिए फिलहाल कोई एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है. लक्षण दिखने पर संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करने और सामान्य देखभाल करने की सलाह दी जाती है.

क्या HMPV नई महामारी बन सकता है?

हालांकि, सोशल मीडिया पर यह दावा किया जा रहा है कि चीन एक नई महामारी का सामना कर रहा है, लेकिन चीनी अधिकारियों ने ऐसी किसी भी आपात स्थिति की पुष्टि नहीं की है. वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता बेहद महत्वपूर्ण हैं. 

भारत HMPV से निपटने के लिए तैयार है?

भारत के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने देश में HMPV के किसी भी मामले की पुष्टि नहीं की है. NCDC के निदेशक डॉ. अतुल गोयल ने बताया कि HMPV सामान्य सर्दी-जुकाम जैसा वायरस है. उन्होंने लोगों को सर्दी-जुकाम से बचाव के सामान्य उपाय अपनाने की सलाह दी है. 

डॉ. गोयल ने यह भी बताया कि भारत में वर्तमान स्थिति को देखते हुए घबराने की कोई जरूरत नहीं है. देश में पर्याप्त दवाइयां, अस्पताल बेड और जरूरी उपकरण उपलब्ध हैं. हालांकि, सतर्कता बनाए रखना आवश्यक है. विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल भारत में HMPV से कोई गंभीर खतरा नहीं है.

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