सुप्रीम कोर्ट ने बचा ली 'ऑपरेशन सिंदूर' की विंग कमांडर निकिता पांडे की जॉब ! क्या है पूरा मामला, जानें
विंग कमांडर निकिता पांडे का नाम कभी चर्चा में आता ही अगर वो सुप्रीम कोर्ट में अपने हक की लड़ाई लड़ने नहीं जाती. इंडियन एयरफोर्स की ऑफिसर विंग कमांडर निकिता पांडे ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रहीं.
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पिछले 9 साल में तीसरी बार पाकिस्तान पर भारत ने स्ट्राइक की. ये जानकारी कभी आई नहीं कि कौन-कौन जांबाज थे जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक, ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में जान की बाजी लगाकर देश की आन-बान-शान के लिए लड़ाई लड़ी.
ऑपरेशन सिंदूर का चेहरा बन गईं कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह जिन्हें सरकार और सेना डेली अपडेट देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिसरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए उतारा.
विंग कमांडर निकिता पांडे का नाम कभी चर्चा में आता ही अगर वो सुप्रीम कोर्ट में अपने हक की लड़ाई लड़ने नहीं जाती. इंडियन एयरफोर्स की ऑफिसर विंग कमांडर निकिता पांडे ऑपरेशन बालाकोट और ऑपरेशन सिंदूर में शामिल रहीं. पाकिस्तान में घुसकर मारा.
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जब वो ये सब कर रही थीं तब तक ये फाइनल था कि उनके एयरफोर्स से जाने का समय आ चुका है. 19 जून 2025 को उनकी सर्विस रिटायरमेंट के साथ खत्म हो जानी थी.
10 साल के लिए हुई थी एयरफोर्स में ज्वाइनिंग
2011 में निकिता पांडे की शार्ट सर्विस कमीशन के तहत 10 साल के लिए एयरफोर्स में ज्वाइनिंग हुई थी. एक्सटेंशन मिला तो 19 जून 2025 तक. साढ़े 13 साल सर्विस करते हुए प्रमोशन पाते-पाते विंग कमांडर तक पहुंचीं. उनकी पोस्टिंग फिलहाल एयरफोर्स में फाइटर कंट्रोलर की है. निकिता इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS)में एक्सपर्ट रोल में हैं. वो देश की फाइटर कंट्रोलर्स की मेरिट लिस्ट में सेकंड पोजिशन पर हैं.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट से ये फाइनल जजमेंट आ चुका है कि महिलाओं को तीनों सेनाओं में परमानेंट कमीशन मिलेगा. मतलब 60 साल तक रिटायर होने तक देश की सेवा कर पाएंगी. निकिता पांडे का केस ये था कि परमानेंट कमीशन देने से मना किया जा चुका था. उनकी शार्ट सर्विस कमीशन के नियमों के तहत एयरफोर्स से रिटायर होना था.
निकिता ने जेंडर डिस्क्रिमेशन का लगाया आरोप
निकिता पांडे ने एयरफोर्स की सर्विस करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपने लिए परमानेंट कमीशन के लिए लड़ाई जारी रखी. 1992 से महिलाएं वायुसेना में भर्ती हो रही हैं. आज भी शार्ट सर्विस कमीशन का ही विकल्प है. पुरुषों को परमानेंट कमीशन मिल जाता है. निकिता ने जेंडर डिस्क्रिमेशन का आरोप लगाया.
निकिता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
पीएम मोदी एलान कर चुके हैं कि ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है. सीजफायर हुआ है. ऑपरेशन सिंदूर का पहला फेज पूरा होते सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने विंग कमांडर निकिता पांडे की याचिका पर सुनवाई हुई. जजेज ने फाइल पढ़ते हुए मान लिया कि निकिता पांडे के साथ भेदभाव हो रहा है.
जस्टिस सूर्यकांत ने एडिशनल सॉलीसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से सफाई मांगी तो उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता निकिता पांडे को सेलेक्शन बोर्ड ने अयोग्य पाया था. उन्होंने एयरफोर्स से कोई रिप्रजेंशटेशन दिए बिना सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अब एक और सेलेक्शन बोर्ड उनके केस को देखेगा.
निकिता की सर्विस अभी खत्म नहीं होगी- SC
जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने फिलहाल के लिए ये आदेश दिया कि विंग कमांडर निकिता पांडे की सर्विस खत्म नहीं होगी. उन्हें एयरफोर्स की जॉब से नहीं हटाया जाएगा. परमानेंट कमीशन नहीं देने को भी गलत माना.
सुप्रीम कोर्ट ने दी सरकार को सलाह
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सरकार को सलाह दी है कि जब SSC में रिक्रूटमेंट करते हैं तो ये गुंजाइश रहनी चाहिए कि योग्य लोगों को परमानेंट कमीशन मिल सके. कोर्ट ने कहा long-term career prospects में uncertainty ठीक नहीं है. इसे पॉलिसी अपडेट करके ठीक किया जाना चाहिए. 6 अगस्त को अगली सुनवाई में भारत सरकार और एयरफोर्स को निकिता पांडे पर सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना होगा.
विंग कमांडर निकिता पांडे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला एयरफोर्स की और शॉर्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर्स के लिए मिसाल बनेगा.
निकिता पांडे पहली ऐसी वायुसेना शार्ट सर्विस कमीशन ऑफिसर हैं जिनको नौकरी से हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई है. इसी महीने सेना की 50 से ज्यादा SSC महिला अधिकारियों को राहत मिली है.
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