जगदीप धनखड़ को मिलेगा लुटियंस जोन में आलीशान सरकारी बंगला, जानें पूर्व उपराष्ट्रपतियों को मिलने वाली सुविधाएं
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद जगदीप धनखड़ को लुटियंस जोन में टाइप-8 कैटेगरी का सरकारी बंगला मिलेगा. रिटायर्ड उपराष्ट्रपति को आवास, स्टाफ, मेडिकल और यात्रा जैसी कई सुविधाएं आजीवन दी जाती हैं.
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Jagdeep Dhankhar Retirement: भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कल यानी 21 जुलाई को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद अब उन्हें राजधानी दिल्ली के सबसे पॉश इलाकों में गिने जाने वाला लुटियंस जोन में एक सरकारी बंगला मिलेगा. उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद अब उन्हें सरकारी नियमों के तहत टाइप-8 कैटेगरी का बंगला अलॉट किया जाएगा. ये वही कैटेगरी है जिसमें पहले हामिद अंसारी और वेंकैया नायडू जैसे पूर्व उपराष्ट्रपतियों को आवास मिला था.
किस तरह का घर मिलेगा?
सरकार की तरफ से मिलने वाला टाइप-8 बंगला एक बड़ा और लग्जरी आवास होता है, जो लगभग 8250 वर्ग फुट क्षेत्रफल में बना होता है. इसमें सामने और पीछे की तरफ हरे-भरे लॉन होते हैं और सुरक्षा की भी पूरी व्यवस्था रहती है. दिल्ली के लुटियंस ज़ोन में ऐसे बंगले खास तौर पर वीवीआईपी के लिए ही होते हैं.
अगर किसी कारणवश सरकारी बंगला तुरंत उपलब्ध नहीं होता, तो सरकार 2000 वर्ग फुट तक का किराए का मकान भी दे सकती है.
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क्यों मिला इस्तीफे के बाद भी सरकारी बंगला?
धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों के चलते उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत पद छोड़ने की जानकारी दी थी. नियमों के मुताबिक, रिटायर या इस्तीफा देने वाले उपराष्ट्रपतियों को आजीवन कुछ विशेष सरकारी सुविधाएं मिलती हैं, जिनमें सरकारी आवास भी शामिल है.
रिटायरमेंट के बाद क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं?
पूर्व उपराष्ट्रपतियों को केवल घर ही नहीं, बल्कि कई और सुविधाएं भी मिलती हैं:
- सचिवीय स्टाफ में दो कर्मचारी दिए जाते हैं, जो उनके कार्यालय से जुड़े काम संभालते हैं.
- स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह मुफ्त होती हैं – डॉक्टर से परामर्श, दवाइयां, टेस्ट, ऑपरेशन, सब कुछ शामिल है.
- एक पर्सनल डॉक्टर भी नियुक्त किया जाता है, जो 24 घंटे उपलब्ध रहता है.
- एक प्राइवेट सेक्रेटरी, पर्सनल असिस्टेंट और दो चपरासी की भी सुविधा मिलती है.
- ऑफिस खर्च के लिए हर महीने सरकार की तरफ से ₹60,000 भी दिए जाते हैं.
यात्रा और संचार की सुविधा भी फ्री
पूर्व उपराष्ट्रपति और उनके जीवनसाथी को देश के किसी भी हिस्से में हवाई, रेल और जलमार्ग से यात्रा करने की छूट होती है और इसका पूरा खर्च सरकार उठाती है. साथ ही दो टेलीफोन कनेक्शन भी मिलते हैं, जिनमें कॉलिंग की सीमा सांसदों की तरह मुफ्त होती है.
अगर निधन हो जाए तो क्या?
अगर रिटायरमेंट के बाद उपराष्ट्रपति का निधन हो जाए, तो उनके जीवनसाथी को वही बंगला रहने के लिए मिलता है. अगर बंगला न मिले, तो लगभग 186 वर्ग मीटर का घर किराए पर लिया जाता है. इस आवास में भी बिजली और पानी का बिल नहीं लिया जाता.
अब जब जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से स्वास्थ्य कारणों के चलते इस्तीफा दिया है, तो नियमों के अनुसार उन्हें भी ये सारी सुविधाएं मिलेंगी. उनका नाम अब उन पूर्व उपराष्ट्रपतियों की सूची में जुड़ गया है जिन्हें दिल्ली के वीआईपी इलाके में आलीशान बंगला और सरकारी देखरेख मिलती है.