बिना इंटरनेट फोन में देख पाएंगे TV चैनल्स...देश में पहली बार लॉन्च होगी D2M तकनीक, क्या होती हैं यह, जानें

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D2M Technology: डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) सर्विस सिर्फ मल्टीमीडिया कंटेंट दिखाने के लिए नहीं है. इसका उपयोग आपातकालीन संदेश भेजने के लिए भी किया जा सकता है. D2M टेक्नोलॉजी का पिछले काफी समय से परीक्षण किया जा रहा है, और इसे खासतौर पर सस्ते फोन के लिए डिजाइन किया गया है.

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D2M Technology: भारत में एक नई तकनीक दस्तक देने जा रही है, जिससे लोग बिना इंटरनेट के लाइव टीवी, वीडियो और जरूरी अलर्ट देख सकेंगे. इस तकनीक का नाम है डायरेक्ट-टू-मोबाइल (D2M) और इसके लिए खास मोबाइल फोन भी लॉन्च होने जा रहे हैं. HMD और Lava कंपनियां ऐसे फोन ला रही हैं, जिनमें आप बिना इंटरनेट या वाई-फाई के टीवी देख सकेंगे. इन फोन को WAVES 2025 इवेंट में दिखाया जाएगा, जो 1 मई से 4 मई के बीच मुंबई में आयोजित हो रहा है.

HMD और Lava का बड़ा ऐलान

मोबाइल फोन बनाने वाली दो बड़ी कंपनियां, HMD और Lava International, इन D2M-सक्षम फोन्स लेकर आ रही है. दोनों कंपनियां आज यानी 1 मई, 2025 को मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में शुरू हो रहे वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) 2025 में अपने इन खास फोन्स को पेश करेंगी.

Lava के फोन में अल्ट्रा हाई फ्रीक्वेंसी (UHF) एंटीना होगा, जो सीधे टीवी सिग्नल को पकड़ सकेगा. इन फोन में SL3000 चिप और MediaTek MT6261 प्रोसेसर होने की उम्मीद है. हैंडसेट 2200mAh की बैटरी और 2.8 इंच की स्क्रीन के साथ आ सकते हैं.

इस नई शुरुआत के लिए HMD और Lava ने FreeStream Technologies, Tejas Networks और अमेरिकी कंपनी Sinclair Inc. जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ हाथ मिलाया है. इन सभी का लक्ष्य है D2M तकनीक को आम लोगों के स्मार्टफोन्स तक पहुंचाना, ताकि देश के कोने-कोने में डिजिटल कंटेंट आसानी से उपलब्ध हो सके.

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D2M तकनीक क्या है और कैसे काम करती है?

टीवी चैनल, YouTube, Netflix या अन्य OTT प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है. लेकिन D2M यानी डायरेक्ट-टू-मोबाइल सर्विस में ऐसा नहीं है. यह सर्विस किसी डिवाइस पर सीधे ब्रॉडकास्ट सिग्नल भेजने की अनुमति देती है.

D2M यानी Direct-to-Mobile एक नई पीढ़ी का ब्रॉडकास्ट सिस्टम है. यह मोबाइल डेटा या वाई-फाई के बिना ही मोबाइल फोन पर लाइव टीवी, ओटीटी कंटेंट, ऑडियो और इमरजेंसी मैसेज पहुंचाने में सक्षम है. यह तकनीक कुछ हद तक FM रेडियो जैसी ही है, लेकिन इसमें वीडियो और लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा भी मिलती है. इसके लिए 470-582 MHz स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल किया जाता है.

D2M तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह मोबाइल नेटवर्क पर वीडियो देखने का दबाव कम करती है. साथ ही, यह उन इलाकों में भी कंटेंट पहुंचाना आसान बनाती है जहां इंटरनेट ठीक से नहीं चलता. यह तकनीक आपातकालीन अलर्ट सीधे मोबाइल पर भेजने में भी मदद करती है.

D2M डिवाइस कितने सस्ते होंगे?

शुरुआत में, D2M चिपसेट लगने से मोबाइल की कीमत में लगभग 2,500 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि जब इनका उत्पादन बड़े पैमाने पर शुरू होगा, तो यह लागत घटकर 120 रुपये से 200 रुपये के बीच आ सकती है. अगर ऐसा होता है, तो यह तकनीक सस्ते स्मार्टफोन्स में भी उपलब्ध हो सकेगी.

अभी तक सरकार ने D2M सपोर्ट को अनिवार्य नहीं किया है. इसलिए, इसकी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि ग्राहक इसे कितना पसंद करते हैं. आने वाले महीनों में देशभर में इसके ट्रायल किए जाएंगे, जिनसे यह पता चलेगा कि यह तकनीक भारत में कितनी सफल हो सकती है.

अगर सब कुछ ठीक रहा, तो D2M तकनीक भारत में करोड़ों लोगों के लिए डिजिटल जानकारी और मनोरंजन के नए रास्ते खोल सकती है.

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