मोदी 3.0 का सपना देख योगी कैबिनेट को छोड़ 2024 का चुनाव लड़ेंगे ये नेता?

अभिषेक

भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों में सांसदों और मंत्रियों को टिकट देकर परंपरागत चुनावी रणनीति को बदल दिया है. इसकी छाप 2024 में होने वाले लोक सभा चुनावों में भी देखने को मिल सकती है. 80 लोक सभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अभी से उठा-पटक का दौर शुरू हो चुका है.

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भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों में सांसदों और मंत्रियों को टिकट देकर परंपरागत चुनावी रणनीति को बदल दिया है. इसकी छाप 2024 में होने वाले लोक सभा चुनावों में भी देखने को मिल सकती है. 80 लोक सभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में अभी से उठा-पटक का दौर शुरू हो चुका है. मौजूदा सांसदों के टिकट कटने का डर है वहीं नए नेताओं को मौका मिल पाएगा या नहीं सभी को डर बना हुआ है. खबर है कि प्रदेश में 1 दर्जन से ज्यादा मौजूदा मंत्री और विधायक भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. यही वजह है कि प्रदेश की सियासत में खलबली मच गई है कि टिकटों के लिए किसकी दावेदारी कितनी मजबूत है.

पार्टी के सूत्रों की माने तो बीजेपी यूपी में 75 सीटों का लक्ष्य लेकर चलने वाली है. ऐसे में सिर्फ जीतने की क्षमता रखने वाले दावेदारों को ही पार्टी तरजीह देगी. कई मौजूदा सांसदों के प्रदर्शन और फीडबैक के आधार पर टिकट कटने के भी आसार है. वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में पार्टी के कई विधायक और मंत्री जैसे- धर्मपाल सिंह, जितिन प्रसाद,सिद्धार्थ नाथ सिंह, नन्द गोपाल गुप्ता नंदी, और दयाशंकर सिंह आदि सांसदी का चुनाव लड़ने की जुगत में लगे हुए है, जिसने पार्टी के अंदर एक नए तरह के मुकाबले को जन्म दे दिया है.

टिकट बटवारें पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि प्रतिनिधियों के काम का रिपोर्ट कार्ड, कार्यकर्ता और जमीनी फीडबैक टिकटों की दावेदारी को तय करता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव लड़ने पर उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व के लिए कार्यकर्ता, मंत्री और विधायक सभी एकसमान है. जहां जैसी जरूरत होगी वहां वैसे उम्मीदवार उतारे जाएंगे.

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इनपुट अभिषेक मिश्रा

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