'सीमा लांघने की कीमत चुकानी पड़ी', जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर चिदंबरम का बड़ा बयान

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P. Chidambaram Statement: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता चिदंबरम ने दावा किया कि धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी सीमाओं का उल्लंघन किया.

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P. Chidambaram Statement: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद पी. चिदंबरम ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. इंडिया टुडे टीवी को दिए इंटरव्यू में कांग्रेस नेता चिदंबरम ने दावा किया कि धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने अपनी सीमाओं का उल्लंघन किया और सरकार के खिलाफ जाकर जस्टिस यशवंत वर्मा के प्रस्ताव को स्वीकार किया. 

सरकार का विश्वास खोने की वजह

चिदंबरम ने कहा, "जगदीप धनखड़ ने अपनी सीमा पार की, जिसके कारण सरकार का उन पर से भरोसा उठ गया. जब सरकार का समर्थन खत्म हो गया, तो उन्हें पद छोड़ना ही पड़ा."

उन्होंने बताया कि धनखड़ और सरकार के बीच रिश्ते पहले ही खराब हो चुके थे. इसका सबूत यह है कि उनके इस्तीफे की केवल एक औपचारिक घोषणा हुई और कोई सार्वजनिक विदाई नहीं हुई,  

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न्यायपालिका और कार्यपालिका में टकराव

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच बढ़ते तनाव पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि धनखड़ पिछले एक साल से अधिक समय से न्यायिक मुद्दों पर सरकार के साथ टकराव की स्थिति में थे. चिदंबरम ने इसे उनके इस्तीफे का एक बड़ा कारण बताया.

74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पद संभाला था. उनका कार्यकाल 2027 तक था.

'मोदी सरकार का रवैया'

चिदंबरम ने मोदी सरकार के रवैये पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "मोदी सरकार केवल तब तक किसी का समर्थन करती है, जब तक वह उनकी नीतियों का पालन करता है. जैसे ही कोई उनके रुख से हटता है, उसका साथ छोड़ दिया जाता है." हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि धनखड़ के मामले में पूरी तरह यही कारण था यह कहना मुश्किल है, लेकिन कुछ तो गड़बड़ जरूर हुई.

BAC की बैठक का जिक्र

चिदंबरम ने बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की एक बैठक का भी ज्रिक किया. उन्होंने बताया कि बीजेपी नेता जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू इस बैठक में दोपहर 12:30 बजे शामिल हुए, लेकिन बाद में दोबारा बुलाई गई बैठक में हिस्सा नहीं लिया. इसे कई लोगों ने बहिष्कार के रूप में देखा.

चिदंबरम ने कहा कि इस घटना से धनखड़ नाराज दिखे और उन्होंने बैठक को जल्दी खत्म कर दिया. उन्होंने सवाल उठाया, "12:30 से 4:30 के बीच ऐसा क्या हुआ?"

हमारा रुख वही है: चिदंबरम

जब चिदंबरम से पूछा गया कि क्या विपक्ष ने धनखड़ के प्रति अपना रुख बदला है, तो उन्होंने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा, "विपक्ष ने कई महीनों पहले ही धनखड़ पर भरोसा खो दिया था. हमारा रुख वही है."

 

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