उर्स पर खुला गरीब नवाज की दरगाह का ‘जन्नती दरवाजा’, एक बार गुजरने से नसीब होती है जन्नत! जानें
Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 811वां उर्स शुरू हो चुका है. इस मौके पर जन्नती दरवाजा 6 दिन के लिए खोल दिया गया. इस दरवाजे से जियारत के लिए जायरीन बेकरार नजर आए. इस दरवाजे से गुजरने के लिए अकीदतमंद घंटों तक लाइन में खड़े रहकर अपनी […]
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Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 811वां उर्स शुरू हो चुका है. इस मौके पर जन्नती दरवाजा 6 दिन के लिए खोल दिया गया. इस दरवाजे से जियारत के लिए जायरीन बेकरार नजर आए. इस दरवाजे से गुजरने के लिए अकीदतमंद घंटों तक लाइन में खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करते हैं. ऐसा माना जाता है कि उर्स में ख्वाजा साहब अपने चाहने वालों पर रहमत की बारिश करते हैं और इसलिए इस दौरान बड़ी संख्या में जायरीन ख्वाजा के दर पर पहुंचते हैं. वो यहां मन्नती धागा बांधते हैं. इस दरवाजे के बारे में धार्मिक मान्यता है कि जो एक बार इस दरवाजे से गुजर जाता है उसे जन्नत मिलती है.
दरगाह के खादिम कुतुबुद्दीन सखी ने बताया कि ख्वाजा गरीब नवाज इबादत के लिए इसी रास्ते को काम में लेते थे. ख्वाजा साहब को अल्लाह ने यह भी कहा कि जो लोग मक्का-मदीना की जियारत नहीं कर पाते, वह यदि इस दरवाजे से गुजर जाएंगे तो उनकी सभी दुआएं और मन्नतें कुबूल हो जाएगी. सखी ने बताया कि अल्लाह के इस संदेशे को ख्वाजा साहब ने अपने खिदमतगारों के जरिए अकीदतमंदों तक पहुंचाया. इसके बाद से दरगाह के जन्नती दरवाजे से होकर पवित्र मजार तक जाने के लिए जायरीन हर साल बेकरार नजर आते हैं.
साल में 4 बार खुलता है जन्नती दरवाजा
जन्नती दरवाजा खुलने के बाद आने वाले जायरीन की संख्या में काफी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है. इस मौके पर सुबह से ही जायरीन का तांता लगना शुरू हो जाता है. दरगाह सूत्रों के अनुसार, दरगाह में स्थित जन्नती दरवाजा साल में 4 बार खुलता है. सबसे अधिक 6 दिन के लिए गरीब नवाज के उर्स के मौके पर इसे खोला जाता है. इसके बाद एक दिन ईद उल फितर के मौके पर, एक दिन बकरा ईद के मौके पर और एक दिन ख्वाजा साहब के गुरु हजरत उस्मान हारूनी के सालाना उर्स के मौके पर इसे खोला जाता है.