जयपुर में स्कूल की चौथी मंजिल से गिरी 9 साल की छात्रा, मौत के बाद स्कूल ने मिटा दिए सबूत? CCTV फुटेज आया 

जयपुर के एक नामी स्कूल में चौथी मंजिल से गिरकर 9 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई. सीसीटीवी फुटेज में बच्ची को रेलिंग पर चढ़ते देखा गया, जहां उसका बैलेंस बिगड़ा. स्कूल प्रबंधन पर सबूत मिटाने के लिए घटनास्थल धोने का गंभीर आरोप है.

Jaipur School Tragedy
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राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में बेहद दर्दनाक घटना सामने आई है. यहां चौथी कक्षा में पढ़ने वाली एक 9 वर्षीय मासूम बच्ची की स्कूल की चौथी मंजिल से गिरकर मौत हो गई है. घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 

CCTV फुटेज में दिखा हादसा

मामले का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिस पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. फुटेज में देखा गया कि 9 साल की अमायरा (बदला हुआ नाम) स्कूल की चौथी मंजिल के गलियारे में कुछ देर तक टहलती है. इसके बाद वह रेलिंग के पास जाकर उस पर चढ़ने की कोशिश करती है. अगले ही पल वह कुछ सेकंड तक संतुलन बनाने का प्रयास करती है, लेकिन अचानक संतुलन बिगड़ने से वह नीचे गिर जाती है. यह दृश्य अत्यंत संवेदनशील और विचलित कर देने वाला है.

सबूत नष्ट करने के प्रयास का गंभीर आरोप

इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक होने से पहले ही स्कूल प्रशासन ने घटनास्थल को पानी से धो दिया. इस कार्रवाई को खून के धब्बों और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों को मिटाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या स्कूल प्रबंधन घटना को छिपाने का प्रयास कर रहा था?

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तुरंत कार्रवाई करते हुए मानसरोवर थाना पुलिस ने स्कूल के सीसीटीवी सिस्टम का पूरा डीवीआर (DVR) जब्त कर लिया है. फोरेंसिक टीम डीवीआर की कॉपी निकालकर यह जांच कर रही है कि फुटेज में किसी तरह की छेड़छाड़ या एडिटिंग तो नहीं की गई है.

जांच अधिकारी लखन खटाना ने बताया कि फुटेज से बच्ची का रेलिंग पर चढ़ना तो स्पष्ट है लेकिन फोरेंसिक टीम अब यह समझने की कोशिश कर रही है कि बच्ची वहां क्यों गई और उस वक्त उसके आसपास क्या हुआ था. साथ ही, फोरेंसिक टीम ने दीवारों और फर्श से खून के 'ट्रेस सैंपल' जुटाए हैं, ताकि वैज्ञानिक तरीके से सबूत दोबारा जमा किए जा सकें.

शिक्षा विभाग की टीम को भी रोका गया

घटना की गंभीरता को देखते हुए, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने एक 6 सदस्यीय जांच समिति स्कूल भेजी लेकिन स्कूल प्रबंधन ने टीम को डेढ़ घंटे तक गेट पर ही रोके रखा. जिला शिक्षा अधिकारी रामनिवास शर्मा सहित सभी अधिकारी बाहर खड़े रहे. अधिकारियों ने स्कूल की मान्यता रद्द करने की चेतावनी दी है, क्योंकि स्कूल प्राचार्य या प्रबंधन का कोई सदस्य जांच में सहयोग के लिए सामने नहीं आया.

VIDEO: देखिए वीडियो
 


 

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