Rajasthan Panchayat Election 2026: क्या राजस्थान में 20 अप्रैल से होंगे पंचायत चुनाव? वायरल मैसेज की जानें हकीकत
Rajasthan Panchayat Election 2026: राजस्थान में पंचायत चुनाव की फर्जी तारीखें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जबकि चुनाव आयोग ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को 15 अप्रैल 2026 तक चुनाव कराने की मोहलत दी है.

Rajasthan Panchayat Election 2026: राजस्थान में शनिवार से सोशल मीडिया पर पंचायत चुनाव की तारीखों से जुड़ा एक मैसेज खूब वायरल हो रहा है. इस मैसेज में दावा किया जा रहा है कि चुनाव चार चरणों में होंगे, जिसकी शुरुआत 20 अप्रैल 2026 से होगी और मतगणना 12 मई को की जाएगी. हालांकि, राजस्थान राज्य चुनाव आयोग ने अब तक चुनाव की ऐसी किसी भी तारीख का आधिकारिक ऐलान नहीं किया है.
फेक मैसेज हो रहा वायरल

प्रशासनिक तैयारियों पूरी नहीं
राज्य में चुनाव आयोग पंचायत चुनाव कराने की तैयारियों में जुटा हुआ है. अभी ओबीसी आरक्षण और परिसीमन का कार्य चल रहा है. जैसा ही सभी कार्य पूरे होंगे उसके बाद ही पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा हो सकेगी.
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ओबीसी आरक्षण का पेंच है बरकरार
चुनावों में देरी का एक बड़ा कारण ओबीसी आरक्षण की सीटों का निर्धारण न हो पाना भी है. राज्य सरकार का तर्क है कि बिना ओबीसी सीटों के आवंटन के चुनाव कराना संभव नहीं है. वर्तमान में ओबीसी आयोग जिलों में जनसंवाद कर रहा है, जिसके आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. हालांकि, आयोग का कार्यकाल 31 दिसंबर को समाप्त हो रहा है और यदि इसे नहीं बढ़ाया गया तो आरक्षण प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है और चुनाव होने में देरी हो सकती है.
परिसीमन का कार्य अभी है जारी
अदालत में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से दलील दी गई कि राज्य में स्थानीय निकायों के परिसीमन का काम अभी चल रहा है. एडिशनल सॉलिस्टर जनरल ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि यह प्रक्रिया तय समय में पूरी कर ली जाएगी. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सरकार के इस भरोसे को रिकॉर्ड पर लेते हुए स्पष्ट किया कि 15 अप्रैल 2026 की समय सीमा के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होगा.
सुप्रीम कोर्ट से मिल चुकी है राहत
पंचायत चुनावों को लेकर कानूनी मोर्चे पर राजस्थान सरकार को पहले ही राहत मिल चुकी है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है, जिसमें निकाय और पंचायत चुनाव संपन्न कराने के लिए 15 अप्रैल 2026 तक का समय दिया गया था. पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने तत्काल चुनाव की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है. अब ओबीसी आरक्षण का पेंच फंसा हुआ है.
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