Padma Shree Awards 2023: राजस्थान की इन 3 शख्सियतों को मिला पद्मश्री,  जानिए इनके बारे में खास बातें

ललित यादव

Padma Shree Award Rajasthan: 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2023 के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान के विजेताओं की घोषणा की है. इस बार कुल 106 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. इनमें 6 पद्मविभूषण, 9 पद्म भूषण […]

ADVERTISEMENT

NewsTak
social share
google news

Padma Shree Award Rajasthan: 74 वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 2023 के लिए पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री सम्मान के विजेताओं की घोषणा की है. इस बार कुल 106 लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा. इनमें 6 पद्मविभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल है. इस सूची में राजस्थान के 3 लोगों का नाम शामिल है, जिन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. पद्मश्री पाने वालों में राजस्थान के कला और समाजसेवा से जुड़े लोग शामिल हैं. राजस्थान से पद्मश्री पाने वाले 3 लोगों में जयपुर से मशहूर गजल गायक अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन दोनों भाई शामिल है. साथ ही लक्ष्मण सिंह और मूलचंद लोढ़ा को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा.

कौन है अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन
जयपुर के पद्मश्री पाने वाले अहमद हुसैन और मुहम्मद हुसैन दोनों सगे भाई हैं. क्लासिक गजल गायकी में इन दोनों का नाम देश-दुनिया में जाना जाता है. जयपुर के रहने वाले हुसैन ब्रदर्स ने संगीत की शिक्षा अपने पिता उस्ताद अफजल हुसैन से ली है. जानकारी के अनुसार दोनों भाईयों ने गजल की शुरुआत 1958 से की थी और अब तक कुल 65 एल्बम आ चुकी है. 1959 में हुसैन ब्रदर्स ने जयपुर के आकाशवाणी से सफर शुरू किया था. इनकी फेमस गजल ‘मैं हवा हूं कहां वतन मेरा’ और ‘सावन के सुहाने मौसम में’ रही. जिससे इनको देश-विदेश स्तर पर पहचान मिली. इससे पहले साल 2000 में हुसैन ब्रदर्स को संगीत नाटक अकदमी अवॉर्ड भी मिल चुका है.

कौन है लक्ष्मणसिंह
जयपुर के लापाड़िया गांव के रहने वाले लक्ष्मणसिंह को सामाजिक कार्य करने के लिए यह पुरस्कार से नवाजा गया है. लक्ष्मण सिंह ने तीन स्तरों पर समाज के लिए बेहतरीन कार्य किया है. इन्होंने शिक्षा, पौधारोपण और जल संरक्षण के लिए शानदार कार्य किए हैं. लक्ष्मणसिंह खुद पांचवी कक्षा तक पढ़े हैं लेकिन इन्होंने अब तक लगभग 40 से 50 स्कूल खोलकर बच्चों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है. लक्ष्मण सिंह ने पुराने तालाबों की मरम्मत के लिए कार्य किया है. जिससे पानी संकट के दौरान तालाबों की मदद से पानी मिल सके. इन्होंने कई पुराने तालाबों की कायाकल्प बदली है. इसके अलावा इन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कार्य किया है. इन्होंने राजस्थान के करीब 100 गांवों को हरा-भरा कर दिया.

यह भी पढ़ें...

कौन है मूलचंद लोढ़ा
मूलचंद लोढ़ा को सामजिक कार्य के लिए पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है. आदिवासी क्षेत्र से तालुक्क रखने वाले मूलचंद ने मानव सेवा के लिए कई जरूरी कार्य किए हैं. मूलचंद लोढ़ा आरएसएस के पूर्व में प्रचारक रहे हैं. इन्होंने संघ में 14 साल तक काम किया. दूसरों की मदद के लिए सबसे आगे रहने वाले मूलचंद ने आंखों का हॉस्पिटल खोलकर करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों को आंखों की रोशनी लौटाई है. साथ ही इन्होंने कई स्कूल्स खोलकर आदिवासी क्षेत्र के लोगों को शिक्षित करने का काम किया है. इनके द्वारा अनाथालय भी खोला गया है. आज मूलचंद लोढ़ा और इनकी संस्था शिक्षा, स्वास्थ्य और आदिवासी कल्याण के लिए काम कर रही है.

    follow on google news
    follow on whatsapp