शाहपुराः नए जिले के स्थापना समारोह में मौजूद थे मंत्री, तभी भीड़ पर पुलिस ने कर दिया लाठीचार्ज
Protest against making Shahpura district: राजस्थान (Rajasthan news) में 19 नए जिलों (New district) के गठन के बाद विरोध की आग भी सुलग रही है. भीलवाड़ा (Bhilwara news) से अलग नए जिले शाहपुरा जिले के स्थापना दिवस समारोह के ठीक बाहर जिले की सीमा को लेकर आंदोलन चल रहा है. वहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के […]
ADVERTISEMENT

Protest against making Shahpura district: राजस्थान (Rajasthan news) में 19 नए जिलों (New district) के गठन के बाद विरोध की आग भी सुलग रही है. भीलवाड़ा (Bhilwara news) से अलग नए जिले शाहपुरा जिले के स्थापना दिवस समारोह के ठीक बाहर जिले की सीमा को लेकर आंदोलन चल रहा है. वहां प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई. जिसके बाद पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज करते हुए इन प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा. इसी दौरान एक प्रदर्शनकारी के सिर में चोट आने से वह घायल हो गया. समारोह के बाहर पुलिस का लाठीचार्ज चल रहा था और भीतर जिले के प्रभारी जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉक्टर महेश जोशी स्थापना दिवस समारोह में शिरकत कर रहे थे.
दरअसल, नवगठित शाहपुरा जिले के सीमांकन में शाहपुरा से मात्र 38 किलोमीटर दूर हुरड़ा तहसील और गुलाबपुरा कस्बे को शाहपुरा में शामिल नहीं करने को लेकर पिछले 3 दिनों से बाजार पूरी तरह से बंद है. जिसके चलते रविवार को राजस्व मंत्री रामलाल जाट का पुतला फूंका गया.
आंदोलनकारियो ने घोषणा की है कि जब तक शाहपुरा जिले का फिर से सीमांकन करने की मांग के चलते यह अनिश्चितकालीन बंद रखेंगे. इसी विरोध के चलते इन प्रदर्शनकारियों ने राजकीय प्रताप सिंह बाहरठ पीजी कॉलेज में समारोह के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कॉलेज के अंदर चल रहे हवन कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. महेश जोशी अजमेर रेंज की आईजी लता मनोज कुमार, भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू, शाहपुरा जिले की कलेक्टर डॉ. मंजू, एसपी आलोक श्रीवास्तव और जिला कांग्रेस के अध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी मौजूद थे.
इससे पहले समारोह में पहुंचे प्रभारी मंत्री डॉ. महेश जोशी को काले झंडे भी दिखाए गए. जिसके बाद लाठीचार्ज में 13 से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हुए. इस पूरे पर महेश जोशी ने कहा कि विकास की दृष्टि से शाहपुरा को राजस्थान का नंबर-1 जिला बनाने की कोशिश करेंगे. विरोध के सवाल पर कहा कि उनकी बात भी सुनेंगे, अगर न्याय संगत होगा तो उनकी बात को आगे पहुंचाएंगे. लोकतंत्र में विरोध करने का अधिकार होता है. लेकिन अगर विरोध तार्किक होता है तो उसका परिणाम सुखद आता हैय