ये तस्वीरें आप भूले नहीं होंगे, जब ऐसा लगा मानो सचिन पायलट एक बार फिर बगावत पर उतर चुके हों। पहले सरकार के खिलाफ अनशन और फिर जन संघर्ष यात्रा निकालकर पायलट ने गहलोत पर कई वार किए और उनके सामने तीन बड़ी मांगें रखी। सचिन पायलट के इस तेवर से सरकार में अच्छे-अच्छे हिल गए थे। उन्होंने साफ-साफ कह दिया था अगर इस बार गहलोत सरकार ने पेपर लीक, अपराध और भ्रष्टाचार के मामलों पर कार्रवाई नहीं की तो वो शांत नहीं बैठेंगे। पूरे प्रदेश में.. गांव-गांव ढाणी-ढाणी जाकर अपने ही सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। अब बड़ी खबर है कि सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट की पहली मांग मान ली है। राजस्थान में लगातार हो रहे पेपर लीक पर सीएम ने बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि गहलोत सरकार पेपर लीक पर जल्द सख्त कानून बनाने की तैयारी में है। और जल्दीबाजी इतनी है कि इसी मॉनसून सत्र में विधानसभा में बिल लाया जाएगा। और इसकी जानकारी किसी और ने नहीं खुद सीएम गहलोत ने ट्वीट करके दी है। गहलोत ने कहा कि हमने पेपर लीक के खिलाफ बनाए गए कानून में अधिकतम सजा का प्रावधान उम्रकैद करने के लिए आगामी विधानसभा सत्र में बिल लाने का फैसला किया है। मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि RPSC, DOP और RSSB सहित सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ चर्चा करके एक बेहतर प्रक्रिया तैयार करें। आपको याद होगा सचिन पायलट ने मांग की थी की आरपीएसी को भंग कर फिर से गठित किया जाए। और पायलट बार-बार चीख-चीख कर एक ही बात कह रहे थे, पेपर लीक और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई हो। अब लगता है गहलोत ने पायलट की पहली मांग पूरी कर दी है। चुनाव सर पर है और जाहिर है ऐसे में पायलट की नाराजगी का बोझ सीएम साहब नहीं उठा सकते। और शायद यही कारण है कि आज पेपर लीक पर बड़ा फैसला लेकर गहलोत ने पायलट को शांत करने की एक और कोशिश की है। हालांकि वादे के मुताबिक सचिन पायलट की अब भी दो मांगें अधूरी हैं जिनके पूरे होने का इंतजार अब भी रहेगा। Gehlot VS Pilot: Gehlot had to agree, big impact of Pilot’s anger, CM’s big decision on Paper Leak