समर वेकेशन के लिए परफेक्ट है अरुणाचल प्रदेश, गर्मी में मिलेगा सर्दी का एहसास

News Tak Desk

आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अरुणाचल प्रदेश के कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताएंगे, जहां आप आराम से गर्मियों के दिनों में छुट्टियां बिता सकते हैं. आइए, जानते हैं यहां घूमने लायक जगहों के बारे में.

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र्मी की छुट्टियां शुरू होने वाली है, ऐसे में लोग अपने परिवार या दोस्तों के साथ कही कही ठंडी जगह पर जाने की तैयारी में लग जाते हैं. अगर आप भी इस समर वेकेशन के लिए कोई ठंडी जगह की तलाश में हैं तो हम आपको परफेक्ट जगह से रूबरू करवाएंगे. आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अरुणाचल प्रदेश के कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में बताएंगे, जहां आप आराम से गर्मियों के दिनों में छुट्टियां बिता सकते हैं. आइए, जानते हैं यहां घूमने लायक जगहों के बारे में.

यहां सबसे पहले धरती को छूती है सूरज की किरणें

अपने देश में सबसे पहले यहीं सूर्योदय होता है. यही वजह है कि इसे उगते सूरज की भूमि भी कहा जाता है. यहां की सुंदरता और संस्कृति से प्राभावित होकर अपने देश से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी हर साल सैलानी घूमने के लिए आया करते हैं. सर्दियों के दौरान यहां पर तापमान सुबह और रात में माइनस डिग्री तक चला जाता है.

अरुणाचल प्रदेश में घूमने वाली जगहें

तवांग मठ

तवांग मठ भारत का सबसे बड़ा बौद्ध मठ है. मठ लगभग 10,000 फीट (3,000 मीटर) की ऊंचाई पर एक पहाड़ की चोटी के पास स्थित है, जहां से तवांग चू घाटी का शानदार दृश्य दिखाई देता है, जिसमें बर्फ से ढके पहाड़ और शंकुधारी जंगल शामिल हैं.

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जीरो घाटी

अरुणाचल प्रदेश में स्थित, जीरो वैली एक आकर्षक और लंबे समय से विश्व धरोहर स्थल के रूप में एक पसंदीदा शहर रहा है. जीरो वैली की महिलाएं अपनी नाक छिदवाने और टैटू बनाने के कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां खेती में किसी पशु या मशीन की मदद नहीं ली जाती, बल्कि सारा काम सिर्फ महिलाएं अपने हाथों से करती हैं. और महिलाएं ही खेती करती हैं.

सेला दर्रा

सेला दर्रा तवांग से मात्र 78 किमी की दूरी पर 13,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित एक पहाड़ी दर्रा है. यह दर्रा पूरे वर्ष बर्फ से ढका रहता है और हर मौसम में यात्रियों के लिए खुला रहता है. 101 झीलों से घिरा दर्रा बौद्धों द्वारा पवित्र माना जाता है. सेला झील सर्दियों के दौरान जम जाती है. इस दर्रे से यात्रा करते समय, आपको बर्फ से ढके पूर्वी हिमालय की एक झलक भी देखने को मिलेगी.

पासीघाट

पर्यटकों के लिए पासीघाट स्वर्ग से कम नहीं है. कहा जाता है कि यह गांव बादलों के ऊपर बसा हुआ है. समुद्रतल से इसकी ऊंचाई 155 मीटर है. यहां के मनोरम दृश्य पर्यटकों को बरबस अपनी ओर खींचते हैं. पासीघाट को अरुणाचल प्रदेश का प्रवेश द्वार या टूरिज्म गेट कहा जाता है. अरुणाचल प्रदेश और असम के पास के शहरों से सड़क मार्ग से पासीघाट पहुंचा जा सकता है.

अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के लिए बेस्ट समय

अरुणाचल प्रदेश में पर्यटन स्थलों की यात्रा के लिए अक्टूबर से मार्च सबसे अच्छे महीने हैं, जो साल का सबसे ठंडा समय होता है. अरुणाचल काफी ऊंचाई पर स्थित है, इसलिए यहां की जलवायु हमेशा मनमोहक रहती है. वहीं, गर्मियों के दौरान (अप्रैल से जून) यहां का तापमान अधिक हो सकता है. जबकि, जुलाई से सितंबर तक राज्य में बारिश का मौसम होता है. ऐसे में भारी वर्षा के कारण कई पर्यटन स्थल बंद हो सकते हैं.

 

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