भारत के सबसे पवित्र शहरों में शुमार है हरिद्वार, इन मंदिरों में जरूर करें दर्शन!

News Tak Desk

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हरिद्वार उत्तराखंड राज्य की पहाड़ियों के बीच स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है. आपको बता दें, यह भारत के सात सबसे पवित्र शहरों में शुमार है और तीर्थयात्रियों और टूरिस्ट के लिए एक फेमस टूरिस्ट स्पॉट है. यह शहर गंगा नदी के तट पर स्थित है और कई प्राचीन मंदिरों और धार्मिक स्थलों का घर है. आज हम आपको इस आर्टिकल में यहां के प्रमुख मंदिरों के बारे में बताएंगे. ऐसे में यदि आप हरिद्वार की यात्रा पर जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको हरिद्वार के इन मंदिरों में दर्शन करने जरूर जाना चाहिए. 

  • भारत माता मंदिर

इस मंदिर को मदर इंडिया टेम्पल के नाम से भी जाना जाता है. बता दें, यह मंदिर भारत माता को समर्पित है और यह देश का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां भारत माता की मूर्ती की पूजा होती है. इस मंदिर का निर्माण 1983 में स्वामी सत्यमित्रानंद द्वारा किया गया था और इसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. यह मंदिर 108 फीट ऊंचा है और इसमें  कुल 8 मंजिलें हैें. जानकारी के मुताबिक, हर एक मंजिल पर अलग-अलग देवी-देवताओं और स्वतंत्रता सेनानियों की मूर्ती व फोटो हैं.

  • वैष्णो माता मंदिर

यह हरिद्वार के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है. आपको बता दें, यह मंदिर कटरा में बने वैष्णो माता के मंदिर का रेप्लिका है. यानी जैसे माता वैष्णो देवी का दरबार है वैसे ही इस मंदिर को भी बनाया गया है. खास बात ये है कि इस मंदिर में भी वैष्णो माता का मंदिर एक गुफा में बनाया गया है. यहां पर वैष्णो माता पिंडी स्वरूप में विराजमान है. 

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  • मनसा देवी मंदिर

हरिद्वार के हर की पौड़ी में स्थित देवी मनसा को समर्पित ये एक हिंदू मंदिर है. बता दें, 51 शक्तिपीठों में एक यह मंदिर हिमालय की सबसे दक्षिणी पर्वत श्रृंखला शिवालिक पहाड़ियों के बिलवा पहाड़ के ऊपर स्थित है. मान्यता है कि जो भी इस मंदिर में आता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. यही कारण है कि अपनी मन्नतें लेकर देश के कोने-कोने से भारी संख्या में श्रद्धालु मनसा देवी मंदिर आते हैं. आपको बता दें कि यह मंदिर जमीन से 178 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जिसके कारण मंदिर तक पहुंचने के लिए केबल कार या रोपवे का सहारा लेना पड़ता है. 

  • सुरेश्वरी देवी मंदिर

यह मंदिर देवी दुर्गा और देवी भगवती को समर्पित है. इस मंदिर को सिद्धिपीठ के रूप में भी माना जाता है. आपको बता दें, इस मंदिर का उल्लेख स्कन्दपुराण के केदारखण्ड में भी मिलता है. इस मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता हमेशा लगा रहता है.

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  • भूमा निकेतन मंदिर

भूमा निकेतन मंदिर में सनातन संस्कृति से जुड़ी हुई बहुत-सी चीजें दर्शाई गई हैं. उत्तरी हरिद्वार में स्थित भूमा निकेतन मंदिर में प्रवेश करते ही गंगा अवतरण का अद्भुत दृश्य दर्शाया गया है. वही मंदिर में अंदर जाने के लिए एक छोटी-सी गुफा बनी हुई है जिसमें चलकर प्राचीन संस्कृति की अनुभूति होती है. बता दें, इस मंदिर में स्फटिक से बने हुए 12 ज्योतिर्लिंग भी हैं. 

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  • नीलेश्वर महादेव मंदिर

मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ ने इसी स्थान पर समुद्र मंथन से निकले विष को पिया था इसलिए इस स्थान का नाम नीलेश्वर महादेव मंदिर है. जब भोलेनाथ ने समुद्र मंथन से निकला विष पिया था तो यहां स्थित पर्वत और गंगा नीली पड़ गई थी जिस कारण आज भी पर्वत को नील पर्वत और यहां बहने वाली गंगा को नीलगंगा कहते है. वहीं महादेव ने इसी स्थान पर बैठे-बैठे राजा दक्ष का यज्ञ विध्वंस किया था. बता दें, इस मंदिर की प्राचीन कथा का जिक्र कई धार्मिक ग्रंथों में किया गया है.

  • गीता मंदिर

हरिद्वार के कनखल में स्थित इस मंदिर में दुर्गा माता, भोलेनाथ, गीता माता, राधा कृष्ण, भगवान विष्णु के अवतार, संकट मोचन हनुमान, गणेश और एक बड़ी यज्ञ शाला बनी हुई हैं. जानकारी के मुताबिक, मंदिर में बनी यज्ञशाला में यहां आने वाले श्रद्धालु यज्ञ व हवन करते हैं. खास बात ये है कि इस मंदिर में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए करीब 40 कमरे बने हुए हैं.

  • चंडी देवी मंदिर

चंडी देवी मंदिर एक लोकप्रिय हिंदू मंदिर है, जो पूरी तरह से देवी चंडी को समर्पित है. आपको बता दें, यह मंदिर नील पर्वत के ऊपर स्थित है. लेकिन यहां भी रोपवे द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है.

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