'भूतों का गढ़' कहलाता है राजस्थान का भानगढ़ किला, घूमने जाने से पहले जान लें ये बातें!

News Tak Desk

कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद, भानगढ़ किले में आत्माएं जाग जाती हैं. किले के अंदर घूमने वाले लोगों को अजीबोगरीब अनुभव होते हैं, जैसे कि अदृश्य शक्तियों द्वारा छुआ जाना, अजीब आवाजें सुनना, और परछाइयां देखना. हालांकि, किले में कई मंदिर भी है जिसमे भगवान सोमेश्वर, गोपीनाथ, मंगला देवी और केशव राय के मंदिर प्रमुख मंदिर हैं.

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राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला में स्थित भानगढ़ किला, अपनी भव्यता और भयानक कहानियों के लिए जाना जाता है. 17वीं शताब्दी में निर्मित यह किला, 'भूतों का गढ़' के नाम से कुख्यात है. यह किला जयपुर जिले से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थित है. कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद, भानगढ़ किले में आत्माएं जाग जाती हैं. किले के अंदर घूमने वाले लोगों को अजीबोगरीब अनुभव होते हैं, जैसे कि अदृश्य शक्तियों द्वारा छुआ जाना, अजीब आवाजें सुनना, और परछाइयां देखना. आपको बता दें, किले में कई मंदिर भी है जिसमे भगवान सोमेश्वर, गोपीनाथ, मंगला देवी और केशव राय के मंदिर प्रमुख मंदिर हैं. इन मंदिरों की दीवारों और खम्भों पर नक्काशी की गई है.

भानगढ़ किला के भूतिया होने के पीछे की कहानी

वैसे तो इस किले के बारे में कई सारी कहानियां प्रचलित है. कहा जाता है कि किले की राजकुमारी रत्नावती इस किले के सर्वनाश का कारण थी. राजकुमारी के प्यार में पड़े एक तांत्रिक ने साजिश रचकर राजकुमारी को हासिल करना चाहा था. लेकिन साजिश का खुलासा होने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. जिसके बाद इस तांत्रिक के शाप की वजह से ये किला खंडहर में तब्दील होकर भूतहा बन गया.

क्यों कहलाता है भूतिया किला?

लोगों का मानना है कि भानगढ़ के घरों की दीवारों के पास कान लगाने पर आपको आत्माओं की आवाज सुनाई देगी. इसके अलावा लोगों का यह भी मानना है कि अक्सर किले से किसी औरत के चिल्लाने, चूड़ियां तोड़ने और रोने की आवाज भी सुनाई देती है. वहीं, दिन के समय इस किले में जाने वाले कुछ लोगों का कहना है कि किले में उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे कोई उनका पीछा कर रहा है.

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शाम के समय में प्रवेश है निषेध

कहा जाता है कि यह भारत की सबसे ज्यादा हॉन्टेड प्लेस में से एक है. यही वजह है कि सूरज ढलने के बाद किसी भी टूरिस्ट को इस किले में जाने नहीं दिया जाता. ऐसा माना जाता है कि यहां पैरानॉर्मल एक्टिविटी होती है. किले में मौजूद नेगेटिव एनर्जी की वजह से कोई भी यात्री शाम के बाद न तो यहां प्रवेश करता है और न ही किले के अंदर घूमता है.

कैसे पहुंचे भानगढ़ किला?

बता दें कि भानगढ़ किला दिल्ली से लगभग 283 किलोमीटर की दूरी पर है. ऐसे में आप अपनी कार से भी घूमने के लिए जा सकते हैं. देश के किसी भी हिस्से से आप अलवर रेलवे स्टेशन पर पहुंचकर आप भानगढ़ फोर्ट घूमने के लिए जा सकते हैं. अलवर रेलवे स्टेशन से टैक्सी या कैब लेकर आप आसानी से जा सकते हैं.

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