एक दिन में करें विश्व के सबसे बड़े हिन्दू मंदिर के दर्शन, सुंदरता देख हो जाएंगे हैरान
दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और वास्तुकला का भी एक अद्भुत नमूना है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा बनाया गया है और भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है.
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अगर आप भी संडे के दिन घूमने के शौकीन हैं और इस दिन को अपने परिवार के साथ कहीं घूमने जाने की प्लानिंग कर रहें हैं तो ऐसे में दिल्ली में स्थित अक्षर धाम मंदिर आपके लिए बेहतर जगह हो सकती है. यहां आप अपने परिवार के साथ संडे एन्जॉय कर सकते हैं. दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि भारतीय कला, संस्कृति और वास्तुकला का भी एक अद्भुत नमूना है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय द्वारा बनाया गया है और भगवान स्वामीनारायण को समर्पित है.
मंदिर की भव्यता
अक्षरधाम मंदिर अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है। यह मंदिर 141 फीट ऊंचा, 316 फीट फैला, और 356 फीट लंबा है. इसमें 23 मंदिर, 9 दरबार और 30 हजार से भी अधिक मूर्तियां हैं. मंदिर का निर्माण गुजराती और राजस्थानी वास्तुकला शैली में किया गया है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के अलावा घूमने भी आते हैं. यहां के सुंदर झरने और झीलें पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. यहां एक ही छत के नीचे कला, वास्तुकला, शिक्षा, अनुसंधान और प्रदर्शनियों के विभिन्न पहलु एक साथ देखे जा सकते हैं.
इन चीजों का लुत्फ उठा सकते हैं आप
मंदिर परिसर में सांस्कृतिक प्रदर्शन भी आयोजित किए जाते हैं, जो दर्शकों को भारतीय संस्कृति से अवगत कराते हैं. इसके अलावा यहां नौका विहार वॉटर शो भी आयोजित किए जाते हैं. शाम के समय में खुले आसमान के नीचे बैठकर आप वॉटर शो का आनंद ले सकते हैं.
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ध्यान देने योग्य बातें
आपको बता दें, मंदिर परिसर में भोजन की भी सुविधा उपलब्ध है. यहां सुरक्षा को लेकर पुख्ता इंजाम किए गए हैं. मंदिर परिसर में आप अपने साथ कोई खाने-पीने की वस्तु लेकर नहीं जा सकते हैं. सबसे जरूरी चीज यहां फोटोग्राफी पूरी तरह से वर्जित है. यहां आपको अपना मोबाइल फोन गेट के बाहर ही जमा कराना होगा. वहीं अगर आपके साथ कोई छोटा बच्चा है तो आप बस दूध की बॉटल अपने साथ ले जा सकते हैं.
अक्षरधाम मंदिर कैसे पहुंचे?
इस मंदिर तक पहुंचने के लिए, आपको नजदीकी मेट्रो स्टेशन मयूर विहार फेज 1 स्टेशन तक जाना होगा, और यहां से मंदिर की दूरी केवल 500 मीटर है. यहां से आप ऑटो-रिक्शा की सवारी ले सकते हैं.
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