जेल में बंद अपराधी और मर चुके लोगों ने ढाका विधानसभा में डाले वोट, पूर्व बीजेपी विधायक इन दावों के साथ राजद के खिलाफ पहुंचे हाईकोर्ट
Bihar election controversy: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद ढाका सीट से बड़ा विवाद सामने आया है. महज 178 वोटों से हारने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक पवन जायसवाल ने राजद पर फर्जी मतदान का आरोप लगाते हुए पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. दावा किया गया है कि जेल में बंद अपराधियों, मृत लोगों और विदेश में रहने वालों के नाम पर 1444 फर्जी वोट डाले गए है. जानिए पूरा मामला.

बिहार में नवंबर, 2025 में विधानसभा चुनाव हुए और 14 नवंबर को नतीजे भी आ गए है, लेकिन सियासी गलियारों में अभी भी इसकी गरमाहट बाकी है. चुनाव खत्म होने के बाद एक ओर जहां सभी विपक्षी दल नीतीश सरकार पर 10,000 रुपए देकर वोट खरीदने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं अब महज 178 वोटों से चुनाव हारने वाले बीजेपी के पूर्व विधायक ने राजद पर बोगस वोट(फर्जी वोट) डालकर चुनाव जीतने का आरोप लगाया है.
ढाका से पूर्व भाजपा विधायक पवन जायसवाल ने इस मामले को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका(Petition) दाखिल किया है. इसी बीच बिहार तक पवन जायसवाल के पास पहुंचा और उनसे खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने पूरी बात बताई की चुनाव वाले दिन क्या-कुछ हुआ था और यह भी कहा कि उनके पास कोर्ट में सबमिट करने के लिए प्रूफ ही है. आइए विस्तार से जानते है पूरा मामला.
ढाका विधानसभा का रिजल्ट
आइए पहले जानते है कि इस चुनाव में ढाका विधानसभा सीट का क्या था समीकरण और परिणाम क्या रहें? 2025 के विधानसभा चुनाव में ढाका सीट पर बीजेपी की ओर से पवन जायसवाल, राजद की ओर से फैसल रहमान, जनसुराज की ओर से एल.बी.प्रसाद समेत कई और उम्मीदवार थे. इस चुनाव में पवन जायसवाल को 112549 वोट और फैसल रहमान को 112727 वोट मिले. यानी जीत का अंतर महज 178 वोट था. चुनाव के नतीजों के वक्त भी इतने कम मार्जिन से हार-जीत के कारण इस सीट की खूब चर्चा हुई थी.
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कोई मृत तो कोई विदेश में, फिर भी डला वोट
अब इस मामले में भाजपा के पूर्व विधायक पवन जायसवाल पटना हाईकोर्ट पहुंचे. बिहार तक के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि, चुनाव के दिन पीठासीन अधिकारी द्वारा अलग-अलग बूथों 6 FIR दर्ज किए गए है, जिससे साफ साबित होता है कि चुनाव के दिन गड़बड़ी तो हुई है. पवन जायसवाल ने आगे कहा कि, चुनाव खत्म होने के बाद जब हम लोगों ने पोलिंग एजेंट से बात किया तो पता चला कई ऐसे लोग है जो है ही नहीं या फिर मर गए है उनका वोट भी डला हुआ है.
पवन के मुताबिक 298 ऐसे लोग मिले जो विदेश में रहते है, 45 ऐसे लोग है जो मर चुके है, 41 ऐसे लोग मिले जिनका नाम दो विधानसभा क्षेत्र में है. उन्होंने कहा कि आश्चर्य तो तब हुआ जब 3 ऐसा नाम सामने आया जो मोतिहारी के जेल में बंद है उसके नाम पर वोटिंग हो गया और 1057 ऐसा नाम सामने आया जो राज्य के बाहर दिल्ली, पंजाब या हरियाणा में है.
1444 लोगों के नाम के साथ पहुंचे हाईकोर्ट
पवन जायसवाल ने आगे कहा कि, अलग-अलग जगहों पर जिन लोगों के नाम पर मतदान हुआ है, हमने उनसे संपर्क कर एक शपथ पत्र लिया कि, ढाका विधानसभा के मतदान केंद्र संख्या इतना, क्रम संख्या इतना में मेरा नाम है. मैं 11 तारीख को मतदान करने किन्हीं कारणों से नहीं गया था लेकिन मेरे नाम पर पता चल रहा है की फर्जी मतदान हो गया है.
उन्होंने आगे कहा कि यह कुल संख्या 1444 है. वहीं सुप्रीम कोर्ट के नियमों का हवाला देते हुए पूर्व विधायक ने कहा कि मैंने उच्च न्यायालय पटना में इलेक्शन पेटिशन(याचिका) दाखिल किया है और मेरे पास सारे साक्ष्य भी मौजूद है. उन्होंने यह भी कहा कि मुझे विश्वास है कि समय के अंदर ही ढाका विधानसभा मामले में ही फैसला आ जाएगा.
कहां हुई गड़बड़ी?
जब पवन से पूछा गया कि, आपको क्या लगता है गड़बड़ी कहां हुई? तो उन्होंने कहा कि, यह एक अकलियत बहुल इलाका है, जहां वोटिंग करने के लिए महिलाएं नकाब में जाती है. और 62 बूथ ऐसा है, जो अकलियत बहुल क्षेत्र है, जहां हमारे अकलियत वर्कर थे. लेकिन जैसे ही उन्होंने फर्जी वोटिंग का विरोध किए तो मतदान केंद्र के बाहर उनके साथ मारपीट किया गया. महिलाओं के अलावा पुरुषों ने भी जहां दबदबा था वहां दूसरे के नाम पर जाकर वोट डाला है. उन्ही पोलिंग एजेंटों को आधार बना के हम न्यायालय में गए हैं और मेरा मजबूत आधार है. आपको बता दें कि पवन जायसवाल ने इलेक्शन पिटीशन में कुल 27 बिंदु पर आरोप दाखिल किया.
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