जगन्नाथ मंदिर ही नहीं, ओडिशा में और भी है दर्शनीय स्थल
अगर आप ओडिशा के अन्य दर्शनीय स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आइए हम आपको बताते हैं कि आप यहां के किन बेहतरीन टूरिस्ट जगहों पर जा सकते हैं.
ADVERTISEMENT

भारत के पूर्वी तट पर स्थित ओडिशा अपनी समृद्ध संस्कृति, प्राचीन मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है. जगन्नाथ मंदिर के अलावा, ओडिशा में कई अन्य दर्शनीय स्थल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं. अगर आप ओडिशा के अन्य दर्शनीय स्थलों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो आइए हम आपको बताते हैं कि आप यहां के किन बेहतरीन टूरिस्ट जगहों पर जा सकते हैं.
जगन्नाथ मंदिर
अगर आप ओडिशा घूमने निकलते हैं तो अपनी सुबह की शुरुआत जगन्नाथ पुरी मंदिर से कर सकते हैं. हिंदू धर्म में चार धाम (बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और पुरी) को सबसे ज्यादा महत्व दिया जाता है, जिसमें एक जगन्नाथ पुरी यात्रा भी शामिल है. कहते हैं कि जगन्नाथ पुरी मंदिर की खास विशेषताएं हैं, जो इसे सबसे अलग बनाती हैं. कहा जाता है कि मंदिर के ऊपर से कोई भी विमान नहीं उड़ा सकता और पक्षी भी उड़ने से डरते हैं. हिंदू धर्म में धरती का बैकुंठ कहे जाने वाले जगन्नाथ पुरी को बेहद महत्व दिया जाता है.
कोणार्क सूर्य मंदिर
13वीं शताब्दी में निर्मित, यह सूर्य देव को समर्पित एक भव्य मंदिर है. यह अपनी शानदार स्थापत्य कला और मूर्तियों के लिए जाना जाता है. बता दें, यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल है. मंदिरों और समुद्र तटों के अलावा, आप यहां के पुरातात्विक संग्रहालय भी देख सकते हैं.
यह भी पढ़ें...
पुरी बीच
यह देश के सबसे सुरक्षित समुद्र तटों में से एक माना जाता है. यहां 24 घंटे पुलिस तैनात रहती है. ताकि बीच पर कोई अनैतिक गतिविधि ना हो. पर्यटक यहां पर कायाकिंग, सर्फिंग, जेट स्कीइंग का आनंद ले सकते हैं और तो और यहां भरपूर मनोरंजन के लिए वाटर पार्क भी है.
चिल्का झील
ओडिशा में स्थित यह बेहद ही सुंदर झील है. यहां पर सभी मौसम में पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है. यह भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जो विभिन्न प्रकार के पक्षियों और जलीय जीवों का घर है. यहां आने वाले सैलानी इस झील को देखने के साथ-साथ यहां बोटिंग के लिए जरूर जाते हैं. झील के पास सूर्योदय और सूर्यास्त का दृष्य आप बेहद करीब से देख सकते हैं.
लिंगराज मंदिर
यह भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जो अपनी विशालकाय शिवलिंग के लिए प्रसिद्ध है. लिंगराज मंदिर को भारत में एकमात्र मंदिर माना जाता है, जहां भगवान विष्णु और भगवान शिव दोनों की एक साथ पूजा होती है. यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं.