मथुरा के इन 6 प्रसिद्ध मंदिरों में दर्शन करने जरूर जाएं, मिलेगी मन को शांति
मथुरा भारत में सबसे पुराने शहरों में से एक है जो अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपरा के चलते पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस शहर को बृज भूमि के रूप में भी जाना जाता है. वैसे तो मथुरा में कई मंदिर हैं, लेकिन इस आर्टिकल में आज हम आपको यहां के 6 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे.
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उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित मथुरा को भगवान कृष्ण के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है. मथुरा का इतिहास करीब 2500 साल पुराना है. ये भारत में सबसे पुराने शहरों में से एक है जो अपनी प्राचीन संस्कृति और परंपरा के चलते पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. इस शहर को बृज भूमि के रूप में भी जाना जाता है. वैसे तो मथुरा में कई मंदिर हैं, लेकिन इस आर्टिकल में आज हम आपको यहां के 6 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानकारी देंगे. ऐसे में अगर आप मथुरा जाने की सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल में बताए गए मंदिरों के दर्शन करने अवश्य जाएं.
श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर
हिंदुओं के लिए इस मंदिर का बहुत महत्व है क्योंकि इसे भगवान कृष्ण का जन्मस्थान माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण विष्णु के 8वें अवतार थे, जो मथुरा में एक जेल की कोठरी में पैदा हुए थे. अब उस जेल की कोठरी वाले स्थान पर एक मंदिर है, जहाँ पर हर साल लाखों पर्यटक और श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक है और फिर शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक है. बता दें, यहां पर हर साल जन्माष्टमी और होली के त्योहार के समय भारी संख्या में पर्यटक आते हैं.
बिड़ला मंदिर
बिड़ला मंदिर को गीता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. यह एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है जहां तीर्थयात्री और पर्यटक भारी संख्या में आते हैं. यह मंदिर भगवान लक्ष्मी नारायण को समर्पित है. आपको बता दें कि इस मंदिर में गर्मियों के मौसम में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर के 12 तक है और फिर दोपहर 2 बजे से रात के 9 बजे तक है. जबकि सर्दियों में दर्शन करने का समय सुबह 5:30 बजे से दोपहर के 12 तक है और दोपहर 2 बजे से रात के 8:30 बजे तक है.
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द्वारकाधीश मंदिर
इसे मथुरा शहर के सबसे पवित्र मंदिरों में गिना जाना जाता है. ये मंदिर अपनी वास्तुकला और चित्रों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. बता दें, इस मंदिर में भगवान कृष्ण की मूर्ति को “द्वारका के राजा” के रूप में सजाया गया है और उन्हें यहां बिना मोर के पंख और बांसुरी के साथ दिखाया गया है. जानकारी के मुताबिक, इस मंदिर को वर्ष 1814 में बनाया गया था, जिसकी चमक अभी भी बरकरार है. इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:30 बजे से 10:30 तक है और फिर शाम 4:30 बजे से 7 बजे तक है.
चामुंडा देवी मंदिर
आपको बता दें, चामुंडा देवी मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. कहा जाता है कि शांडिल्य ऋषि ने यहां तपस्या की थी और श्री गोरखनाथ ने भी यहीं ज्ञान प्राप्त किया था. जानकारी के मुताबिक, इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:30 बजे से दोपहर के 12 तक है और फिर शाम 4 बजे से रात के 9 बजे तक है.
केशव देव मंदिर
ये मंदिर मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के पीछे की भूमि पर स्थित है. माना जाता है कि इस भूमि पर भगवान कृष्ण को बंदी बनाया गया था. बाद में, उस स्थल पर एक मंदिर का निर्माण भी किया गया, जिसे कई बार पुनर्निर्मित भी करवाया गया था. इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 5 बजे से रात के 9:30 बजे तक है.
श्री दाऊजी महाराज मंदिर
ये मंदिर देश के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है. श्री दाऊजी महाराज मंदिर 1535 ई. से यहां खड़ा है और ये मंदिर शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है. बता दें, मंदिर के पीठासीन देवता भगवान बलराम हैं, जो भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे. इस मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 8 बजे से शाम के 6 बजे तक है.
मथुरा घूमने का सबसे अच्छा समय
अगर आप मथुरा घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो बता दें कि यहां आप अक्टूबर से मार्च के महीनों में जा सकते हैं. क्योंकि इन महीनों में मथुरा का मौसम सुहावना होता है. वहीं, होली के समय और जन्माष्टमी पर यहां उत्सव मनाया जाता है. अगर आप इन उत्सव में शामिल होना चाहते हैं तो होली और जन्माष्टमी का समय एक खास अनुभव करने के लिए मथुरा जाना बहुत अच्छा है.