न बिजली, न पानी… गोरखपुर में ट्रेनिंग ले रहीं महिला सिपाही खुले में नहाने पर मजबूर, कैंप में बदइंतजामी का खुलासा

न्यूज तक

यूपी के गोरखपुर के पीएसी ट्रेनिंग कैंप में 600 महिला रिक्रूट्स ने बदहाल सुविधाओं के खिलाफ जोरदार विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया है कि उन्हें न केवल बिजली, पानी की दिक्कत हो रही है. बल्कि खुले में नहाने तक को मजबूर किया जा रहा है.

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यूपी के गोरखपुर में महिला पुलिस की ट्रेनिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है. दरअसल महिला सिपाही ने आरोप लगाया है कि उन्हें जितनी मूलभूत सुविधाएं मिलनी चाहिए थीं, वह बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं कराई गई हैं.

महिला सिपोहियों के अनुसार हालात ऐसे हो गए हैं कि दर्जनों रिक्रूट्स को खुले में नहाना तक पड़ मजबूर हैं. कैंप में न सही से पीने के पानी का इंतजांम है, न बिजली, न ही पंखे का. 

खुले में नहाने की मजबूरी, कोई सुनने वाला नहीं

महिला रिक्रूट्स के अनुसार ट्रेनिंग कैंप में शौचालय और स्नानघर इतने गंदे और भरे हुए हैं कि वहां जाना मुमकिन ही नहीं. ऐसे में उन्हें खुले में नहाने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के बिना खुले में नहाना न सिर्फ शर्मिंदगी का कारण है, बल्कि उनके आत्मसम्मान के भी खिलाफ है.

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यहां न बिजली है, न पानी

रिक्रूट्स का कहना है कैंप में बिजली सप्लाई ठप है, जिसके कारण हम पंखे तक नहीं चल पा रहे हैं. गर्मी और उमस से हालत और भी बदतर हो रही है. पीने का पानी तक नहीं मिल रहा, जिससे कई रिक्रूट्स की तबीयत बिगड़ गई. बताया जा रहा है कि विरोध के दौरान एक युवती बेहोश भी हो गई.

250 की जगह 600 लड़कियों को बुला लिया

रिक्रूट्स ने बताया कि जिस कैंप में केवल 250 लोगों के रहने की व्यवस्था थी, वहां 600 महिला रिक्रूट्स को एक साथ ट्रेनिंग के लिए बुला लिया गया. ऐसे में ना तो रहने की ठीक व्यवस्था है और ना ही कोई सुविधा.

हमें गालियां दी जाती हैं

महिला रिक्रूट्स का आरोप है कि ट्रेनिंग के दौरान उन्हें कुछ अधिकारियों का दुर्व्यवहार भी झेलना पड़ता है. एक पुलिस अधिकारी पर अभद्र भाषा के इस्तेमाल का आरोप भी लगा, जिसे बाद में सस्पेंड कर दिया गया है.

रिक्रूट्स बताती हैं कि वह यहां अपनी मर्जी से नहीं आई हैं, बल्कि उन्हें सरकार की ओर से बुलाया गया है, तो उनके लिए बुनियादी इंतजाम क्यों नहीं किए गए?

अफसरों का दावा- समस्या का समाधान कर दिया गया

इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन की तरफ से भी प्रतिक्रिया आई है. एडीजी लखनऊ ने बताया कि बिजली और पानी की समस्या तकनीकी कारणों से हुई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है. साथ ही यह भी साफ किया कि बाथरूम में कैमरा लगाए जाने जैसी बातें जांच में झूठी निकली हैं. वहीं, महिला रिक्रूट्स के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की गई है.

अखिलेश यादव ने सरकार को घेरा

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार पर घेरते हुए कहा कि अगर गोरखपुर जैसी प्रमुख जगहों पर महिला सिपाहियों को ये सब झेलना पड़ रहा है, तो बाकी जगहों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने भाजपा के “नारी वंदना” नारे को जुमला करार दिया.

सवाल उठाती ये तस्वीरें

गोरखपुर की इन महिला सिपाहियों की आंखों से निकले आंसू कई सवाल खड़े कर रहे हैं कि क्या देश की रक्षा के लिए तैयार की जा रहीं इन बेटियों के साथ ऐसा सलूक होना चाहिए? क्या बुनियादी जरूरतें भी देना सरकार और सिस्टम के लिए मुश्किल है?

फिलहाल विरोध के बाद कुछ चीजें सुधरी हैं, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर ट्रेनिंग सेंटरों की व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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