मसूरी ट्रैफिक जाम बना काल, दिल्ली से आए बुजुर्ग की रास्ते में मौत, समय पर नहीं पहुंची मदद

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Mussoorie Tourist: मसूरी में घूमने आए दिल्ली के एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा पड़ा. यहां एक व्यक्ति की अचानक तबीयत खराब हो गई. इस दौरान मौके पर एम्बुलेंस न मिलने के कारण उनकी जान चली गई.

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Mussoorie Tourist
(प्रतीकात्मक तस्वीर / फोटो AI)
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Mussoorie Tourist: गर्मियों में तपती धूप से राहत पाने के लिए लोग अक्सर पहाड़ों की ओर रुख करते हैं. दिल्ली का एक परिवार भी इसी उम्मीद के साथ उत्तराखंड के फेमस हिल स्टेशन मसूरी घूूमने पहुंचा था. शुरुआत में सब कुछ खुशनुमा लग रहा था, लेकिन अचानक उनके साथ एक दर्दनाक हादसा हो गया. जिससे उनकी ये ट्रिप को हमेशा के लिए दर्द में बदल गई. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए ये खबर.

खराब मौसम के बीच बिगड़ी तबीयत

दरअसल, दिल्ली से मसूरी घूमने आए 62 वर्षीय कमल किशोर टंडन आए थे. इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई. घटना 5 जून की बताई जा रही है. कमल किशोर मसूरी की मोतीलाल नेहरू रोड स्थित एक अपार्टमेंट में ठहरे. इस बीच उन्हें अचानक सांस लेने में दिक्कत होने लगी.

उस समय बारिश भी हो रही थी और मौसम खराब था. परिवार ने तत्काल 108 एंबुलेंस सेवा को कॉल किया. लेकिन उन्हें जानकारी दी गई कि एंबुलेंस देहरादून से आएगी और पहुंचने में लगभग एक घंटा लगेगा.

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जाम ने रोक दी जिंदगी की रफ्तार

ऐसे में परिवार ने समय बर्बाद न करते हुए खुद की गाड़ी से कमल किशोर  को नजदीकी लैंडौर कम्युनिटी अस्पताल पहुंचने का फैसला किया. जैसे ही वो निकले तो मसूरी की सड़कों पर उन्हें भारी ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा. संकरी सड़कों में पहले से ही टूरिस्ट गाड़ियों, टेम्पो ट्रैवलर्स और निजी वाहनों का जमावड़ा था. जाम इतना भीषण था कि गाड़ी को रास्ता नहीं मिला.

45 मिनट तक जूझते रहे, लेकिन नहीं बची जान

स्थानीय लोगों और पुलिस ने काफी प्रयास करके रास्ता खाली कराया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. करीब 45 मिनट के बाद जब अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टर्स ने टंडन को मृत घोषित कर दिया. 

"घूमने आए थे, अब शव लेकर लौट रहे हैं"

घटना के बाद परिजनों ने प्रशासन और पर्यटन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया. टंडन के भतीजे अर्जुन कपूर ने कहा, "हम यहां सुकून के कुछ दिन बिताने आए थे, लेकिन अब हम अपनों की लाश के साथ लौट रहे हैं. प्रशासन को इससे सबक लेना चाहिए."

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