Bihar Election 2025: 'ललन सिंह के बाप का राज है...' तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री पर किया जुबानी हमला, वीडियो वायरल
Bihar Election 2025: बिहार चुनाव से पहले आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के बीच जुबानी जंग ने माहौल गरमा दिया है. एक तरफ ललन सिंह के वीडियो में गरीबों को 'वोटिंग के दिन घर से न निकलने' की बात कही जा रही है, वहीं जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा- 'क्या ललन सिंह के बाप का राज है?'.

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के प्रचार के अंतिम दिन वायरल वीडियो ने प्रदेश की राजनीति को अलग ही गरमा दिया है. सुबह-सुबह आरजेडी ने ललन सिंह का एक वीडियो शेयर किया जिसमें कहते सुना गया था कि कुछ नेता हैं जिनको चुनाव के दिन घर से मत निकलने दीजिएगा. इसके बाद देर शाम तेजस्वी यादव का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे ललन सिंह पर हमला बोलते हुए कह रहे है कि, इनके बाप का राज है. फिलहाल इन दोनों वीडियो में चुनाव से पहले राज्य की सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है.
ललन सिंह पर हुई कार्रवाई
बाहुबली नेता अनंत सिंह के जेल जाने के बाद जदयू के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मोकामा में चुनाव प्रचार की कमान संभाली है. 3 अक्टूबर को उन्होंने मोकामा में रोड शो किया और फिर जनता के नाम अपना संबोधन दिया. इसी कार्यक्रम का एक क्लिप कल राजद ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर शेयर कर लिखा कि,
'केंद्रीय मंत्री ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ाते हुए कह रहे कि गरीबों को वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना है. घर में बंद कर देना है, अगर ज्यादा हाथ पैर जोड़ेगा तो अपने साथ ले जा कर वोट गिराने देना है. कहां है मरा हुआ आयोग?'
ललन सिंह के वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने इसपर निशाना साधना शुरू कर दिया. विवाद बढ़ते ही आयोग ने नोटिस जारी कर ललन सिंह से जवाब मांगा था, लेकिन शाम के वक्त मोकामा थाना में अंचल अधिकारी ने केस दर्ज कराया.
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तेजस्वी का वीडियो हुआ वायरल
ललन सिंह का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि देर शाम तेजस्वी यादव का एक वीडियो वायरल होने लगा. वायरल वीडियो में तेजस्वी यादव कह रहे है कि,
'ललन सिंह क्या बोले है मोकामा में, ललन सिंह बोले की कोई गरीब, अति-पिछड़ा को घर से मत निकलने को वोट डालने के लिए. इनके बाप का राज है, ललन सिंह के बाप का राज है. ये लोकतंत्र में, संविधान में बाबा साहब अंबेडकर ने चाहे गरीब हो या अमीर, चाहे प्रधानमंत्री हो या मजदूर सबको एक वोट देने का अधिकार दिया है. ये तानाशाही लोगों को सबक सिखाना होगा. सबक सिखाना है कि नहीं सिखाना है?'
फिलहाल राज्य में इन दोनों में चुनाव से पहले एक बार फिर राजनीतिक गलियारों के माहौल को गरमा दिया है. अब दोनों पक्षों के तरफ से इस बयानबाजी का चुनाव में क्या असर पड़ेगा यह तो आने वाले 14 नवंबर को ही साफ पता चलेगा.










