बिहार में औद्योगिक क्रांति के लिए हो रही जमीन तैयार, 7 जिलों में जल्द होगी रोजगार की बारिश
बिहार में 7 जिलों में बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण, इंडस्ट्रियल हब और कॉरिडोर का विकास. हजारों करोड़ निवेश से युवाओं को रोजगार के नए अवसर.
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बिहार में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार ने सात जिलों में बड़े पैमाने पर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस योजना पर हजारों करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे प्रदेश में निवेश के नए अवसर, बड़े पैमाने पर रोजगार और आर्थिक मजबूती की नई राह तैयार होगी. अधिग्रहित भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र का विस्तार और नए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा.
औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना
बताते चलें कि राज्य सरकार बिहार में औद्योगिक क्रांति लाने की रूप रेखा तैयार कर रही है. राज्य सरकार की कोशिश है कि बिहार के ज्यादातर जिलों में इंडस्ट्रीयल एरिया तैयार किया जाए, ताकि इन जिलों में रोजगार और निवेश का माहौल तैयार हो. इसी चरण में फिलहाल बिहार के 7 जिले नालंदा, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, सुपौल, कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज में आर्थिक केंद्र बनाने की है.
नालंदा में 524.95 एकड़ भूमि तैयार होगा इंडस्ट्री का आधारभूत ढांचा
नालंदा जिले के हरनौत और चंडी अंचल में 524.95 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इस पर 2 अरब 64 करोड़ 65 लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च होगी. यहां विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्र से स्थानीय लोगों को रोजगार और निवेशकों को बेहतर आधारभूत संरचना मिलेगी.
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मुजफ्फरपुर में 700 एकड़ का भूमि का होगा अधिग्रहण
मुजफ्फरपुर के पारू, भोजपट्टी, हरपुर और विशुनपुर सरैया में कुल 700 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जाएगी. इस पर 2 अरब 97 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा.
भागलपुर में नया इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
भागलपुर के गौराडीह अंचल के मोहनपुर मौजा में 96.89 एकड़ जमीन ली जाएगी, जिस पर उद्योग विभाग नया इंडस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किया जाएगा. इससे यहां के उद्योगों को मजबूती मिलेगी.
सुपौल में 498.06 एकड़ का औद्योगिक हब
सुपौल के सरायगढ़-भपटीयाही और पिपरा प्रखंड में 498.06 एकड़ जमीन के अधिग्रहण पर 1 अरब 51 करोड़ रुपये से अधिक की राशि खर्च होगी. सरकार का लक्ष्य यहां निवेश आकर्षित कर रोजगार का नया हब बनाना है.
कटिहार, औरंगाबाद और गोपालगंज में भी विस्तार
कटिहार के मनसाही अंचल में 252.30 एकड़ भूमि का अधिग्रहण और आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा. औरंगाबाद के कुटुंबा अंचल में 441 एकड़ तथा गोपालगंज में विजयीपुर और खिरीडीह क्षेत्रों में 32.66 एकड़ भूमि ली जाएगी. गोपालगंज में जमीन अधिग्रहण की योजना पर 11.39 करोड़ रुपये का खर्च होगा.
आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के माध्यम से काम
इन सभी 7 जिलों में जमीन अधिग्रहण का कार्य आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार के स्तर से किया जाएगा. सरकार का दावा है कि इन परियोजनाओं से न केवल बिहार में उद्योगों का दायरा बढ़ेगा, बल्कि निवेशकों के लिए राज्य का सेंटर बनेगा. साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर मिलेंगे.