FD Vs NSC : शानदार और सेफ रिटर्न चाहिए तो NSC में लगा सकते हैं पैसे, FD से ज्यादा मिलता है ब्याज
Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र के बारे में बता जा रहे हैं. साथ इससे मिलते-जुलते स्कीम्स जैसे FD, MSSC, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस SCSS और POMIS (Post Office Monthly Income Scheme) से तुलना करके भी बताएंगे.
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राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC - National Savings Certificate) तमाम सुरक्षित निवेश की योजनाओं में से एक है. ये भारत सरकार की तरफ से समर्थित स्कीम है. इसे डाकघर या किसी ऑर्थराइज्ड बैंक से लिया जा सकता है. यह एक फिक्स्ड इनकम इन्वेस्टमेंट स्कीम है, जो मध्यम वर्ग के निवेशकों के लिए शानदार ऑप्शन है. इसमें निवेश किया गया पैसा फिक्स्ड रिटर्न देता है और यह टैक्स में छूट भी मिलती है.
Personal Finance की इस सीरीज में हम आपको राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की पूरी डिटेल बताने जा रहे हैं. साथ इससे मिलते-जुलते स्कीम्स जैसे FD, MSSC, पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, पोस्ट ऑफिस SCSS और POMIS (Post Office Monthly Income Scheme) से तुलना करके बताएंगे कि कौन सा बेहतर है और क्यों है?
NSC में निवेश के फायदे
- सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न: यह भारत सरकार द्वारा समर्थित स्कीम है. इसमें निवेशक का पैसा सुरक्षित रहता है.
- आकर्षक ब्याज दर: NSC की ब्याज दर सरकार द्वारा हर तिमाही के आधार पर तय की जाती है. अभी (2024-25) की ब्याज दर 7.7% प्रति वर्ष (चक्रवृद्धि वार्षिक) है.
- टैक्स छूट: धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक के निवेश पर आयकर में छूट मिलती है.
- छोटे निवेश की सुविधा: न्यूनतम ₹1,000 से निवेश शुरू कर सकते हैं, (100 रुपये के गुणकों में, कोई अधिकतम सीमा नहीं.)
- मजबूत लॉक-इन पीरियड: NSC का लॉकिंग पीरियड 5 सालती है, जिससे यह मध्यम अवधि के बचत लक्ष्यों के लिए शानदार विकल्प है.
- प्रीमैच्योर विदड्रॉल की अनुमति नहीं: NSC में निवेश को केवल कुछ विशेष परिस्थितियों (मृत्यु, कोर्ट के आदेश) में ही समय से पहले निकाला जा सकता है. अन्यथा इसे निकाला नहीं जा सकता है.
- लोन के लिए सुरक्षा: NSC को बैंक या NBFC में गिरवी रखकर लोन भी लिया जा सकता है.
- ब्याज का पुनर्निवेश: NSC में हर साल मिलने वाला ब्याज अगले साल के लिए पुनर्निवेशित होता है और मैच्योरिटी पर एकमुश्त मिलता है.
- यहां से खरीद सकते हैं: NSC को पोस्ट ऑफिस या ऑर्थराइज्ड बैंक से परचेज कर सकते हैं.
28 वर्षीय सलोनी ने राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) में ₹10 लाख का एकमुश्त निवेश किया है. वर्तमान में, NSC पर वार्षिक ब्याज दर 7.7% है, और इसकी परिपक्वता अवधि 5 वर्ष है. ऐसे में 5 साल बाद सलोनी को कितने पैसे मिलेंगे?
NSC में निवेश का रिटर्न
- निवेश राशि: ₹10,00,000
- ब्याज दर: 7.7% प्रति वर्ष (वार्षिक चक्रवृद्धि)
- परिपक्वता अवधि: 5 वर्ष
- परिपक्वता राशि: ₹14,59,033
- कुल ब्याज अर्जित: ₹4,59,033
अन्य निवेश विकल्पों की तुलना
बैंक सावधि जमा (FD)
- ब्याज दर: औसतन 7% प्रति वर्ष
- परिपक्वता राशि: ₹14,14,778
- कुल ब्याज अर्जित: ₹4,14,778
- टैक्स लाभ: 5 वर्ष की टैक्स-सेविंग FD पर धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट उपलब्ध है.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS)
- ब्याज दर: वर्तमान में 8.2% प्रति वर्ष
- परिपक्वता राशि: ₹14,91,000
- कुल ब्याज अर्जित: ₹4,91,000
- टैक्स लाभ: धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट उपलब्ध है.
- नोट: यह योजना केवल 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है.
मासिक आय योजना (POMIS)
- ब्याज दर: 7.4% प्रति वर्ष
- मासिक ब्याज भुगतान: ₹6,166.67
- कुल ब्याज अर्जित (5 वर्ष में): ₹3,70,000
- नोट: POMIS में निवेश परिपक्वता पर मूलधन वापस मिलता है, और ब्याज मासिक रूप से भुगतान किया जाता है.
सवाल: NSC पर FD और POMIS की तरह हर महीने ब्याज ले सकते हैं?
जवाब: नहीं, NSC (National Savings Certificate) में मिलने वाला ब्याज हर महीने नहीं लिया जा सकता.
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NSC में ब्याज भुगतान कैसे होता है?
- ब्याज का सालाना कंपाउंडिंग होता है, लेकिन यह हर साल आपके निवेश में जुड़ता रहता है और परिपक्वता (5 साल) पर एकमुश्त भुगतान किया जाता है.
- इसे मासिक, त्रैमासिक या सालाना नहीं निकाला जा सकता.
- परिपक्वता तक ब्याज को दोबारा निवेश माना जाता है, इसलिए इस पर TDS नहीं कटता और यह धारा 80C के तहत टैक्स बचाने में मदद करता है.
NSC जैसी ही पोस्ट ऑफिस की ये स्कीम भी
- पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट स्कीम भी एनएससी जैसी ही है.
- इसमें भी फिलहाल 7.5 फीसदी का ब्याज मिल रहा है.
- यहां भी चक्रवृद्धि ब्याज से गणना होती है और मैच्योरिटी पर अमाउंट मिलता है.
- Personal Finance की अगली सीरीज में हम इसे विस्तार से बताएंगे.
अगर हर महीने ब्याज चाहिए तो क्या करें?
- अगर आपको मासिक आय चाहिए, तो NSC की बजाय ये विकल्प बेहतर होंगे.
- POMIS (पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम) - 7.4% ब्याज, मासिक भुगतान.
- SCSS (सीनियर सिटिजन स्कीम- 60 साल की उम्र में निवेश) - 8.2% ब्याज, त्रैमासिक भुगतान. इसकी डिटेल यहां क्लिक करके जानें.
- FD (फिक्स्ड डिपॉजिट) में भी हर महीने ब्याज ले सकते हैं. इसपर औसतन 6 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. यहां देखें इसकी फुल डिटेल
NSC को समय से पहले बंद किया जा सकता है?
- एनएससी को निम्नलिखित शर्तों को छोड़कर 5 वर्ष से पहले बंद नहीं किया जा सकता है.
- एकल खातेदार की मृत्यु पर, या संयुक्त खाते के किसी या सभी खाताधारकों की मृत्यु पर.
- राजपत्रित अधिकारी के रूप में गिरवीदार द्वारा जब्ती पर.
- न्यायालय के आदेश पर.
NSC को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को केवल ट्रांसफर किया जा सकता है?
- खाताधारक की मृत्यु पर नामिनी/कानूनी उत्तराधिकारी को.
- खाताधारक की मृत्यु पर संयुक्त धारक को.
- न्यायालय के आदेश पर.
- निर्दिष्ट प्राधिकारी के पास खाता गिरवी रखने पर.
कौन खोल सकता है ये खाता
- भारतीय नागरिक.
- संयुक्त खाता (3 वयस्कों तक).
- नाबालिग या विकृत मस्तिष्क वाले व्यक्ति की ओर से अभिभावक खाता खोल सकते हैं.
- 10 वर्ष से अधिक आयु का नाबालिग अपने नाम से.
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