दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता मनोज कुमार का 87 साल में निधन, देशभक्ति फिल्मों के जरिए हासिल किया था बड़ा मुकाम

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Manoj Kumar: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे. शुक्रवार सुबह 87 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली. देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए मशहूर मनोज कुमार को फैंस 'भारत कुमार' कहकर पुकारते थे.

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Manoj Kumar Passes Away: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे. शुक्रवार सुबह 87 साल की उम्र में उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली. देशभक्ति से भरी फिल्मों के लिए मशहूर मनोज कुमार को फैंस 'भारत कुमार' कहकर पुकारते थे. उनके निधन की खबर से बॉलीवुड और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है.

दिल का दौरा बना निधन की वजह

मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, मनोज कुमार का निधन सुबह 4:03 बजे दिल का दौरा पड़ने से हुआ. वे पिछले कुछ महीनों से डीकंपेंसेटेड लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे. उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद 21 फरवरी 2025 को उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके.

देशभक्ति फिल्मों के बेताज बादशाह

मनोज कुमार ने भारतीय सिनेमा को उपकार, क्रांति, और शहीद जैसी यादगार फिल्में दीं. उनके गाने, खासकर "मेरे देश की धरती", आज भी लोगों के दिलों में बसे हैं. 1957 में फिल्म फैशन से अपने करियर की शुरुआत करने वाले मनोज कुमार ने 1965 में शहीद से शोहरत हासिल की. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. उनकी फिल्मों ने न सिर्फ दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि देश प्रेम की भावना को भी जागृत किया.

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अवार्ड्स से भरा करियर

मनोज कुमार को उनके शानदार योगदान के लिए कई बड़े सम्मान मिले. उनके नाम एक राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सात फिल्मफेयर अवॉर्ड्स दर्ज हैं. 1992 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म श्री से नवाजा, वहीं 2015 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से भी नवाजा गया था. 

अशोक पंडित ने दी भावुक श्रद्धांजलि

फिल्म निर्माता अशोक पंडित ने मनोज कुमार के निधन पर गहरा दुख जताया. उन्होंने कहा, "मनोज कुमार जी दादा साहब फाल्के पुरस्कार विजेता और भारतीय सिनेमा के 'शेर' थे. उनका जाना हमारे लिए बहुत बड़ा नुकसान है. हम उन्हें हमेशा याद रखेंगे."

एक युग का अंत

24 जुलाई 1937 को पाकिस्तान के एबटाबाद में जन्मे मनोज कुमार का असली नाम हरिकृष्ण गिरी गोस्वामी था. बंटवारे के बाद उनका परिवार दिल्ली आ गया. उन्होंने दिलीप कुमार से प्रेरित होकर अपना नाम बदला और सिनेमा में अपनी अलग पहचान बनाई. 1995 में मैदान-ए-जंग के बाद उन्होंने अभिनय छोड़ दिया था. मनोज कुमार का निधन भारतीय सिनेमा के लिए एक बड़ी क्षति है. उनकी फिल्में और उनका देश प्रेम हमेशा फैंस के दिलों में जिंदा रहेगा.

पीएम मोदी ने जताया दुख

मनोज कुमार के निधन पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताया. उन्होंने 'X' पर लिखा, "महान अभिनेता और फ़िल्मकार श्री मनोज कुमार जी के निधन से बहुत दुःख हुआ. वे भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिन्हें ख़ास तौर पर उनकी देशभक्ति के जोश के लिए याद किया जाता था, जो उनकी फ़िल्मों में भी झलकता था. मनोज जी के कार्यों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को जगाया और वे पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति."

 

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