DUSU चुनाव जीतकर पहली बार गांव पहुंचे आर्यन मान, स्टूडेंट्स के लिए किया ये काम करने का ऐलान!
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव में आर्यन मान ने अध्यक्ष पद पर ऐतिहासिक जीत हासिल की. उन्होंने जीत गांव, देहात और छात्रों को समर्पित की. कुलदेवता बाबा हरिदास जी का आशीर्वाद लिया. खेल सुविधाओं और मानसिक स्वास्थ्य के लिए काम करने का वादा किया.
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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) चुनाव में अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने के बाद आर्यन मान पहली बार अपने पैतृक गांव पहुंचे. उन्होंने अपने कुल देवता बाबा हरिदास जी के मंदिर में माथा टेका और आशीर्वाद लिया..मीडिया से बात करते हुए, आर्यन मान ने अपनी इस जीत को गांव-देहात और उन सभी छात्रों की जीत बताया. उन्होंने खाप और समाज का भी धन्यवाद किया.
आर्यन मान ने बताया कि यह जीत दिल्ली-देहात और हरियाणा के उनके सभी भाइयों को समर्पित है, जिन्होंने पहले दिन से उनका साथ दिया और उन्हें 16,000 से अधिक वोटों से ऐतिहासिक जीत दिलाई. उन्होंने अपने बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद का भी आभार व्यक्त किया.
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उन्होंने कहा कि उनके समाज और 36 बिरादरी ने उन्हें उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थन दिया. उन्होंने यह भी कहा कि वे हर उस खाप और स्थान पर जाएंगे जहां से उन्हें समर्थन मिला, जहां उनके युवा साथी आए और बुजुर्गों ने आशीर्वाद दिया.
छात्रों के लिए पहला काम
दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए अपने पहले काम के बारे में बताते हुए, आर्यन मान ने कहा कि उनका पहला काम स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों के लिए होगा.
उन्होंने कहा कि खुद एक स्पोर्ट्स खिलाड़ी होने के नाते जानते हैं कि दिल्ली देहात और हरियाणा के कई छात्र स्पोर्ट्स में रुचि रखते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी इक्विपमेंट फैसिलिटी और मेडिकेशन नहीं मिल पाती है. वे इन युवा साथियों के लिए आवाज उठाएंगे ताकि वे पूरे देश में नाम रोशन कर सकें.
मेंटल हेल्थ पर जोर
उन्होंने कैंपस लाइफ में बढ़ते डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस को लेकर भी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हर कॉलेज में एक सेंट्रल काउंसलर और मेंटल हेल्थ काउंसलर होना चाहिए, ताकि छात्र अपनी समस्याओं को साझा कर सकें और उन्हें समाधान मिल सके.
परिवार का धन्यवाद किया
आर्यन मान ने अपनी जीत में अपने परिवार के सदस्यों, विशेषकर अपने बड़े पिताजी अशोक मान, दलबीर मान, अपने पिताजी सिकंदर मान, और अपने भाई-बहनों विराट, पारस, सूर्य, साहिबा और मानसी मान के सहयोग की तारीफ की. उन्होंने बताया कि इस कठिन चुनावी यात्रा में उन्होंने खाने-पीने और नींद का भी ध्यान नहीं रखा और दिन-रात एक करके मेहनत की, क्योंकि यह उनके समाज की इज्जत का सवाल था.