MLA को 'सलाम' न करने पर डॉक्टर को नोटिस! हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार की खिंचाई करते हुए लगाया 50 हजार का जुर्माना
हरियाणा में एक डॉक्टर को MLA के सामने खड़े न होने पर नोटिस जारी किया गया था. मामला हाईकोर्ट पहुंचा तो अदालत ने सरकार की कार्रवाई को गलत बताते हुए कड़ी फटकार लगाई.

हरियाणा में एक डॉक्टर को सिर्फ इसलिए कारण बताओ नोटिस थमा दिया गया, क्योंकि वह ड्यूटी के दौरान एक विधायक के आने पर उनके सम्मान में खड़ा नहीं हुआ था. अब इस कार्रवाई पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सख्त नाराजगी व्यक्त की है और राज्य सरकार के व्यवहार को 'बेहद असंवेदनशील और परेशान करने वाला' बताया है.
न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति रोहित कपूर की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की आलोचना की. कोर्ट ने यहां तक कहा कि इस तरह की घटनाओं पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है, और सरकारी अधिकारियों द्वारा उठाए गए इस कदम से बेंच 'बेहद दुखी' है.
क्या है पूरा मामला?
मामला CMO डॉ. मनोज से जुड़ा है, जो कोविड-19 महामारी के दौरान एक सरकारी अस्पताल में इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात थे. निरीक्षण के दौरान एक स्थानीय विधायक अस्पताल पहुंचे, लेकिन डॉक्टर उन्हें पहचान नहीं पाए और सम्मान में खड़े भी नहीं हुए. इसे प्रोटोकॉल का उल्लंघन मानते हुए विभाग ने डॉक्टर को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिया.
यह भी पढ़ें...
डॉ. मनोज ने जवाब में बताया कि वे विधायक को पहचानते ही नहीं थे. न खड़े होने के पीछे कोई असम्मान की भावना नहीं थी. हालांकि, इस मामले में तब तक कोई अंतिम आदेश पारित नहीं किया गया था.
अब सुनवाई के दौरान जस्टिस अश्विनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर की बेंच ने सरकार की कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि इस तरह के कदम अधिकारी, कर्मचारियों को मानसिक रूप से परेशान करते हैं.
कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में सुनाया फैसला
कोर्ट ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम (Post-Graduate Medical Course) में प्रवेश के लिए जरूरी NOC तुरंत जारी करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही, कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.










