अली खान के पोस्ट में 'आपत्तिजनक' क्या था? इस सवाल का जवाब देकर रेनू भाटिया क्यों हुईं वायरल?
Renu Bhatia vs Ali Khan Mahmudabad Case: रेनू भाटिया से पूछा गया कि प्रोफेसर अली खान ने महिला सैन्य अधिकारियों का कैसे अपमान किया, लेकिन वे कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सकीं.
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Renu Bhatia vs Ali Khan Mahmudabad Case: ऑपरेशन सिंदूर(Operation Sindoor) के बाद कई लोगों ने तरह-तरह के बयान दिए. किसी ने इसमें शामिल लोगों को खूब सराहा तो किसी ने इसपर आपत्तिजनक टिप्पणी तक की. इसी क्रम में हरियाणा की अशोका यूनिवर्सिटी(Ashoka University) में एसोसिएट प्रोफेसर और पॉलिटिकल साइंस विभाग के हेड डॉ. अली खान महमूदाबाद को 18 मई को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया.
प्रोफेसर अली महमूदाबाद पर भारत द्वारा पहलगाम हमले(Pahalgam Terror Attack) के बदले में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. मामले में सबसे पहले बीजेपी युवा मोर्चा के एक सदस्य ने शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद ये गिरफ्तारी हुई है. इसके साथ ही हरियाणा महिला आयोग की तरफ से भी अली खान को नोटिस भेजा गया था.
महिला आयोग ने लगाया ये आरोप
हरियाणा महिला आयोग द्वारा 12 मई को एक नोटिस जारी किया गया. इस नोटिस में दावा किया गया कि महमूदाबाद ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी कर राष्ट्रीय सैन्य कार्रवाईयों को बदनाम करने की कोशिश की थी. साथ ही प्रोफेसर ने ऑपरेशन सिंदूर का ब्रीफिंग करने आई दोनों महिला सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिक सिंह का भी अपमान किया. हालांकि आरोप लगाने के दो दिन बाद ही महमूदाबाद ने एक बयान जारी कर कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत समझा गया है.
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महिला आयोग की अध्यक्ष नहीं दे पाई जवाब
इंडिया टुडे टीवी ने हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया से इस मुद्दे पर बात की. एंकर ने जब सवाल की प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिक सिंह का किस तरह से अपमान किया, तब रेनू भाटिया के पास इसका कोई भी जवाब नहीं था.
रेनू भाटिया देने लगी गोल-मोल उत्तर
इंडिया टुडे के इस प्रश्न पर रेनू भाटिया ने कोई सीधा उत्तर नहीं दिया. महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा,
"एक व्यक्ति सिर्फ ऊपर और नीचे दो लाइनें आर्मी और देश के लिए लिखकर, उसके बाद सारा मीनिंग... आप बताइए कहां नहीं जाता? मैं समझना चाहती हूं, आप मुझे बताइए. मैं कश्मीर और श्रीनगर से संबंध रखती हूं, मैं जानती हूं कि बॉर्डर पर लोग कैसे रहते हैं. मेरे भाई रिटायर्ड कर्नल हैं. मैं समझती हूं. हम एक साथ खड़ें हैं."
जब रेनू भाटिया से पूछा गया कि प्रोफेसर अली के किस बयान से महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान हुआ है, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने के बजाय कहा, "आप पहले मुझे यह समझा दीजिए कि उन्होंने किस संदर्भ में कहा कि सरकार ने ऐसा किया. इसका क्या मतलब है और यह किसके लिए कहा गया?"
इसके बाद टीवी एंकर ने राज्य महिला आयोग द्वारा भेजे गए नोटिस को पढ़ते हुए पूछा कि उसमें स्पष्ट रूप से वे दो लाइनें कहां हैं, जिन्हें आपत्तिजनक कहा जा रहा है. इस पर रेनू भाटिया ने जवाब दिया,
"मैं अब भी यही कहूंगी कि भारत की वो बेटियां जो सीने पर गोली खाने को तैयार रहती हैं, उनके लिए यह कहना कि वो सिर्फ एक 'फेस' हैं, अत्यंत आपत्तिजनक है. कोई कैसे ऐसी भाषा का प्रयोग कर सकता है?"
जब एक बार फिर उनसे यह पूछा गया कि प्रोफेसर के बयान में ऐसा क्या था जिसे देशविरोधी या महिला विरोधी माना जा सकता है, तो इस बार रेनू भाटिया चुप रहीं और कोई जवाब नहीं दे सकीं.
यहां देखें पूरा वीडियो:
रेनू भाटिया कौन हैं?
रेनू भाटिया, हरियाणा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं और फरीदाबाद की रहने वाली हैं. हाल ही में उन्होंने प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर टिप्पणी को लेकर नोटिस जारी किया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. रेनू खुद को सिर्फ "अपना कर्तव्य निभाने वाली" अधिकारी बताती हैं.
रेनू भाटिया दो बार पार्षद और उप महापौर रह चुकी हैं और बीजेपी नेता कृष्ण पाल गुर्जर के करीबी मानी जाती हैं. सुषमा स्वराज को वह अपना आदर्श मानती हैं. उनका जन्म श्रीनगर में हुआ और वे कश्मीरी पंडित परिवार से हैं. उन्होंने कश्मीर में पंडितों पर हुए अत्याचारों को करीब से देखा है, जिसका असर आज भी उनके सोच-विचार पर दिखता है. रेनू 1992 में दूरदर्शन की एंकर रहीं और 2000 से राजनीति में सक्रिय हैं. उनके परिवार में कोई भी राजनीति से नहीं जुड़ा, लेकिन पार्टी प्रवक्ता के रूप में वे कई वर्षों से सक्रिय भूमिका निभा रही हैं.