थार-बुलेट मालिकों को 'क्रिमिनल माइंडसेट' बताकर फंसे हरियाणा के DGP ओ.पी. सिंह, गुरुग्राम के कारोबारी ने भेजा लीगल नोटिस
Haryana DGP Controversy: हरियाणा के DGP ओ.पी. सिंह ने थार और बुलेट मालिकों को 'आपराधिक मानसिकता' वाला बताया था. इस पर गुरुग्राम के थार मालिक सर्वो मितर ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजा है. नोटिस में बयान को अपमानजनक बताते हुए 15 दिन के भीतर लिखित माफी और बयान वापस लेने की मांग की गई है.

Haryana DGP Controversy: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओ.पी. सिंह के एक बयान पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. उन्होंने 8 नवंबर को गुरुग्राम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि ज्यादातर महिंद्रा थार और बुलेट मोटरसाइकिल चलाने वालों का दिमाग अपराधी जैसा होता है. अब इसी बयान पर गुरुग्राम के कारोबारी और महिंद्रा थार के मालिक सर्वो मितर ने डीजीपी को लीगल नोटिस भेजकर बिना शर्त माफी की मांग की है.
मितर का कहना है कि डीजीपी ने थार और बुलेट चलाने वालों को 'क्रिमिनल माइंडसेट वाला' बताकर न सिर्फ गलत टिप्पणी की, बल्कि सोशल मीडिया पर उनकी छवि को नुकसान भी पहुंचाया है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, विवाद 8 नवंबर को गुरुग्राम में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस से जुड़ा है. सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों पर चर्चा के दौरान डीजीपी ने कहा था कि ज्यादातर थार और बुलेट चालक क्रिमिनल सोच रखते हैं. बयान तेजी से वायरल हो गया और सोशल मीडिया पर भारी आलोचना शुरू हो गई.
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"पुलिस सारी गाड़ियों को नहीं पकड़ेगी केवल थार और बुलेट वालों को पकड़ेंगे. थार और बुलेट से सारे बदमाश चलते हैं. जिस तरह की गाड़ी का चॉइस है वो माइंड सेट शो करता है थार लेंगे स्टंट करेंगे, जिसके पास भी थार होगी दिमाग घुमा हुआ होगा उसका. थार गाड़ी नहीं है एक स्टेटमेंट है, कि हम ऐसे हैं. ठीक है भुगतो जी. दोनों मजे थोड़ा ना होंगे, दादागिरी भी हो और फंसे भी ना, दोनों कैसे होगा" - DGP
थार मालिक ने भेजा नोटिस
गुरुग्राम के रहने वाले और पेशे से कारोबारी सर्वो मितर ने अपने वकील के माध्यम से DGP को यह कानूनी नोटिस भेजा है. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने जनवरी 2023 में 30 लाख रुपए से अधिक में अपनी थार खरीदी थी. उन्होंने थार खरीदने का कारण भी बताया, गाड़ी की मजबूती, सुरक्षा फीचर्स और अच्छा परफॉर्मेंस.
मितर ने कहा, मैंने गाड़ी की मजबूती, अच्छे फीचर्स, उसकी परफॉर्मेंस और ग्राउंड क्लियरेंस को देखते हुए खरीदी थी. जिससे परिवार के साथ लंबे सफर पर अच्छा रहता है. लेकिन अब हर जगह ताने मिल रहे हैं.
नोटिस में साफ कहा गया है कि डीजीपी का यह बयान तथ्यहीन है, जो कि सभी थार मालिकों का अपमान करता है और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है.
सामाजिक छवि को पहुंचा नुकसान
शिकायतकर्ता ने बताया कि इस टिप्पणी के बाद उनके दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों ने उनसे इस बारे में पूछा. उनका आरोप है कि इससे उन्हें मानसिक तनाव हुआ है और उनकी सामाजिक छवि को ठेस पहुंची है. नोटिस में यह भी बताया गया कि बयान देते समय मीडियाकर्मियों का हंसना यह दिखाता है कि यह टिप्पणी मजाक उड़ाने के अंदाज में की गई थी.
सर्वा ने बताया कि मेरे 2 बेटे हैं, एक कॉलेज में है और दूसरा जॉब करता है. अब उनको भी लोग चिढ़ाते हैं. DGP के बयान से उनकी छवि भी खराब हुई है. यह ग्रुप डिफेमेशन है. जो कि एक अपराध है.
मानहानि और माफी की मांग
शिकायतकर्ता ने इस बयान को मानहानि का मामला बताते हुए 15 दिनों के भीतर DGP द्वारा लिखित माफी और बयान वापस लेने की मांग की है.
फिलहाल पुलिस विभाग ने इस पूरे विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. सोशल मीडिया पर यह मुद्दा लगातार गरमाया हुआ है और थार तथा बुलेट वाहन चलाने वालों के बीच भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
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