पहलगाम हमले के बाद गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा क्यों दे रहे अपने देशभक्ति का सबूत

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Pahalgam Terror Attack: जिस खिलाड़ी ने तिरंगे को ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप में दुनिया के सबसे ऊंचे मंच पर लहराया, आज वही देशभक्ति के कटघरे में खड़ा है. नीरज चोपड़ा ने खेल को जोड़ने का जरिया बनाया, लेकिन नफरत ने उसे ही निशाना बना डाला.

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नीरज चोपड़ा दे रहे देशभक्ति का सबूत
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Pahalgam Terror Attack: भारत के सबसे चमकते सितारे, ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा, आज देश को अपनी देशभक्ति का सबूत देने के लिए मजबूर हैं. जिस खिलाड़ी ने तिरंगे को टोक्यो और वर्ल्ड चैंपियनशिप में ऊंचा किया, आज वही सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और नफरत का शिकार बना हुआ है, सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने एक इंटरनेशनल एथलेटिक्स इवेंट में पाकिस्तानी जैवलिन थ्रोअर अर्शद नदीम को न्योता दिया. 

नीरज चोपड़ा पहली बार भारत में वर्ल्ड एथलेटिक्स A-लेवल जैवलिन इवेंट 'नीरज चोपड़ा क्लासिक' आयोजित कर रहे हैं. इसका मकसद भारत को वर्ल्ड-क्लास खेल आयोजनों का केंद्र बनाना था. इसी सोच के तहत उन्होंने दुनिया भर के टॉप जैवलिन थ्रोअर्स को इनवाइट किया था, और इस लिस्ट में शामिल थे पाकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन अर्शद नदीम. 

लेकिन यह सब कुछ उस समय बदला जब इस इवेंट के इनविटेशन के दो दिन बाद जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बर्बर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई. इस दर्दनाक हमले के बाद देश भर में गुस्सा फूटा और अचानक नीरज चोपड़ा पर देशविरोधी होने के आरोप लगने लगे.

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मैंने अपनी देशभक्ति कभी नहीं बेची-नीरज चोपड़ा

सोशल मीडिया पर ट्रोल्स ने हद पार कर दी, न सिर्फ नीरज को निशाना बनाया गया, बल्कि उनकी मां सरोज देवी को भी निशाना बनाया गया, जिन्होंने पहले एक इंटरव्यू में अर्शद को “हमारे बच्चे जैसा” कहा था. उस वक्त देश ने इस बात की तारीफ की थी, लेकिन आज वही लोग उसी बात को लेकर ताने मार रहे हैं.

नीरज ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट में लिखा

"मैं आमतौर पर कम बोलता हूं, लेकिन जब मेरे देश से प्यार पर सवाल उठे और मेरे परिवार का सम्मान दांव पर लगे, तो चुप नहीं रह सकता. मैंने ये न्योता एक खिलाड़ी के नाते दिया था, कोई राजनीतिक फैसला नहीं था." उन्होंने साफ कहा कि यह इनविटेशन हमले से दो दिन पहले भेजा गया था और अब हालात को देखते हुए अर्शद का आना "बिल्कुल संभव नहीं" है.

मेरी मां को भी नहीं बख्शा गया 

आगे पोस्ट में नीरज ने लिखा, "मुझे तकलीफ होती है जब मेरी मां के मासूम बयान को घुमा-फिराकर उनके खिलाफ इस्तेमाल किया जाता है. हम बहुत साधारण लोग हैं, कृपया हमें कुछ और मत बनाइए." नीरज का गुस्सा सिर्फ ट्रोल्स पर नहीं था, बल्कि उन मीडिया हाउसेज पर भी था जिन्होंने बिना सच जाने उनके खिलाफ झूठी कहानियां गढ़ीं.

एक खिलाड़ी की सच्चाई, एक देशभक्त की पीड़ा

नीरज ने यह भी कहा कि उन्होंने हमेशा देश को प्राथमिकता दी है और देंगे. उन्होंने लिखा, "मैंने देश के लिए गोल्ड और सिल्वर जीते हैं, तिरंगे को सबसे ऊपर लहराया है. आज मेरी नीयत पर सवाल उठते हैं, यह बहुत पीड़ादायक है." जहां एक तरफ अर्शद नदीम ने खुद इस कार्यक्रम में आने से मना कर दिया है, वहीं भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के नागरिकों के भारत आने पर रोक लगा दी है. अब इस इवेंट में दुनिया के नामी जैवलिन थ्रोअर्स जैसे एंडरसन पीटर्स, थॉमस रोहलर और जूलियस येगो भाग लेंगे. खुद नीरज भी इस इवेंट में थ्रो करेंगे. 

नीरज चोपड़ा सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं हैं, वो उस भारत का चेहरा हैं जिसने मेहनत, अनुशासन और जज्बे से ओलंपिक में इतिहास रचा, नीरज की बातों में दर्द है, पर गर्व भी, और यही उन्हें भारत का असली हीरो बनाता है.

इनपुट: इंटर्न गितांशी शर्मा

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