Greece Vs Turkey: HAMAS को आतंकी कहोगे तो नाराज हो जाएंगे, Erdogan ने ग्रीस PM Mitsotakis को चेताया

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तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान और ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मितासोटाकी की मुलाकात में दोनों नेताओं ने कहा कि वो द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश करेंगे. एर्दोगान ने कहा कि तुर्की और ग्रीस के बीच कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसे सुलझाया न जा सके. वहीं, मितासोटाकी ने कहा कि ग्रीस संवाद के लिए तैयार है, लेकिन तुर्की को भड़काऊ कार्रवाई रोकनी होगी

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कल तुर्की और ग्रीस के बीच सालों बाद पहली बार प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हुई. ये मुलाकात ऐसे वक्त में हुई है, जब दोनों देशों के बीच दशकों से चला आ रहा तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. आइए जानते हैं इन दोनों देशों के बीच विवाद की कहानी और क्या कल की मुलाकात से कोई उम्मीद जगाई जा सकती है?

 

सदियों पुराना रिश्ता, नई दुश्मनी! तुर्की और ग्रीस का रिश्ता वैसे तो सदियों पुराना है. एक समय था, जब ये दोनों देश ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा हुआ करते थे. लेकिन 19वीं सदी में ग्रीस की आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच रिश्तों में दरार आ गई. एजियन सागर पर समुद्री सीमा और कुछ द्वीपों के मालिकाना हक को लेकर कई बार तनाव बढ़ चुका है. 

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हाल के वर्षों में एजियन सागर में तेल और गैस के भंडार मिलने के बाद से ये विवाद और भी गहरा गया. दोनों ही देश इस संसाधन पर अपना दावा करते हैं. 2020 में तो तुर्की ने एक जहाज को तैनात कर दिया था, जिससे पूर्वी भूमध्यसागर में तनाव काफी बढ़ गया था. इस दौरान युद्ध की आशंका भी जताई जा रही थी. 

 

 लेकिन यूक्रेन युद्ध के बाद से दोनों देशों के रिश्ते सुधारने की उम्मीद जगी है. दोनों देश नाटो के सदस्य हैं और यूक्रेन युद्ध के चलते नाटो की एकजुटता काफी अहम हो गई है. साथ ही यूरोप को रूस से गैस सप्लाई कम होने के बाद तुर्की गैस का अहम स्रोत बन सकता है. इसके लिए ग्रीस के सहयोग की जरूरत पड़ेगी, जो पाइपलाइन का रास्ता दे सकता है. 

 

 कल तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान और ग्रीस के प्रधानमंत्री किरियाकोस मितासोटाकी की मुलाकात में दोनों नेताओं ने कहा कि वो द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की कोशिश करेंगे. एर्दोगान ने कहा कि तुर्की और ग्रीस के बीच कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसे सुलझाया न जा सके. वहीं, मितासोटाकी ने कहा कि ग्रीस संवाद के लिए तैयार है, लेकिन तुर्की को भड़काऊ कार्रवाई रोकनी होगी. 

 

 दोनों देशों के बीच अभी भी कई मुद्दों पर मतभेद हैं. एजियन सागर और द्वीपों का विवाद अभी भी बना हुआ है. ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि क्या कल की मुलाकात से कोई ठोस नतीजा निकलेगा. लेकिन कम से कम दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होना सकारात्मक संकेत है. आने वाले समय में ये बातचीत कहां तक पहुंचती है, ये देखना बाकी है.  

 

(ये खबर हमारे यहां इंटर्नशिप कर रहे अमित कुमार ने लिखी है)

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