1.25 करोड़ की ठगी! फर्जी ED-CBI बनकर अलवर में बुजुर्ग महिला को रखा 7 दिन डिजिटल अरेस्ट, फिर ऐसे निकली बाहर
अलवर में साइबर ठगों ने फर्जी ईडी-सीबीआई अधिकारी बनकर एक बुजुर्ग महिला को सात दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा. वीडियो कॉल पर वर्दी दिखाकर धमकाया गया और 1.25 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर रकम होल्ड की है.

राजस्थान के अलवर में साइबर ठगों ने फर्जी ED और CBI अधिकारी बनकर एक बुजुर्ग महिला को सात दिनों तक मानसिक रूप से बंधक बनाए रखा. वीडियो कॉल पर पुलिस जैसी यूनिफॉर्म पहनकर धमकाया गया और मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे केस में फंसाने की बात कही गई.
क्या है पूरा मामला?
अलवर की पॉश कॉलोनी स्कीम नंबर में रहने वाली पीड़िता रीटा कटारिया के पास 15 दिसंबर को दोपहर 3 बजे एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को पब्लिक रिलेशन ऑफिसर बताया और अपना नाम संदीप शर्मा बताया.
कॉलर संदीप शर्मा ने महिला को बताया कि उनके नाम पर रजिस्टर्ड एक मोबाइल नंबर से धमकी भरे कॉल आ रहे हैं और यह सिम मुबंई के पते पर रजिस्टर्ड है. उन्होंने महिला को कहा कि इसकी पुलिस स्टेशन में एक रिपोर्ट दर्ज करवाकर उसकी एक कॉपी उनको भेजें.
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वीडियो कॉल पर गिरफ्तारी की धमकी
इसके बाद कथित सीनियर अफसरों से वीडियो कॉल कराई गई. पुलिस की वर्दीधारी लोगों ने महिला से लंबी पूछताछ की और गिरफ्तारी की धमकी दी और किसी से भी बात न करने की सख्त हिदायत दी. डर का माहौल बनाकर महिला को मानसिक दबाव में रखा गया.
सात दिन का डिजिटल अरेस्ट
16 से 21 दिसंबर तक महिला को लगातार कॉल कर डिजिटल अरेस्ट में रखा गया. इस दौरान पड़ोसियों और परिवार से संपर्क भी नहीं करने दिया, जिससे पीड़िता पूरी तरह अलग-थलग पड़ गई.
एक करोड़ 25 लाख की ठगी
डर के चलते ठगों ने दो अलग-अलग बैंक खातों में कुल 1.25 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए. एक खाते में 86.35 लाख और दूसरे में करीब 38 लाख रुपये डलवाए गए.
पीड़िता रीटा ने बताया कि वो घर में अकेली रहती है और उसके पति की मौत हो चुकी है. उसके दो बेटी हैं और दोनों दिल्ली में अपने ससुराल में रहती हैं. 21 दिसंबर तक आरोपियों ने महिला को डिजिटल अरेस्ट रखा. ऐसे में परेशान महिला ने अपना फोन बंद कर दिया और मामले की सूचना अपने परिवार को दी.
22 दिसंबर को दर्ज करवाया मामला
अगले दिन 22 दिसंबर को परिवार के साथ साइबर थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दी गई. साइबर थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक 38 लाख रुपये पूरी तरह होल्ड कर लिए गए हैं, जबकि 86 लाख में से 12 लाख रुपये भी रोक दिए गए हैं.
पुलिस लगातार मामले की जांच पड़ताल में जुटी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने का प्रयास किया जा रहा है. इस घटना के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ है. इस संबंध में परिवार के लोगों ने बातचीत करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरा परिवार सदमे में है. तो बुजुर्ग महिला अभी डरी हुई है और घर के बाहर अगर कोई भी गाड़ी आती है. तो उनको लगता है कि उनको अरेस्ट करने के लिए कोई आया है.
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