PM Ujjwala Yojana में देश की 2.8 करोड़ महिलाओं ने कनेक्शन लेने के बाद नहीं भरवाई गैस, MP का भी बुरा हाल!

हेमेंदर शर्मा

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को बड़े पैमाने पर मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के दावे केंद्र सरकार करती है. लेकिन मध्यप्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले चंद्रशेखर गौर ने RTI के जरिए इन दावों की कलई खोलने वाला खुलासा किया है.

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Big revelation in Pradhan Mantri Ujjwala Yojana scheme
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की कलई खोलने वाली रिपोर्ट आई सामने.

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RTI में हुआ बड़ा खुलासा, 2.8 करोड़ महिलाओं की योजना में दिलचस्पी नहीं

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मध्यप्रदेश के नीमच के रहने वाले चंद्रशेखर गौर ने लगाई थी RTI

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana: प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में गरीब और जरूरतमंद महिलाओं को बड़े पैमाने पर मुफ्त गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने के दावे केंद्र सरकार करती है. लेकिन मध्यप्रदेश के नीमच जिले के रहने वाले चंद्रशेखर गौर ने RTI के जरिए इन दावों की कलई खोलने वाला खुलासा किया है. RTI में मालूम चला है कि मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में लगभग 2.8 करोड़ महिलाएं या तो एक बार रिफिल होने के बाद दोबारा गैस ही नहीं भरवा रही हैं या फिर उन्होंने एक बार भी गैस रिफिल नहीं कराई है.

यह बहुत बड़ा आंकड़ा है, जो इस योजना के बड़े-बड़े दावों की कलई खोल रहा है. नीमच के रहने वाले चंद्रशेखर गौर ने यह जानकारी भारत पेट्रोलियम, एचपी और इंडेन जैसी तीनों प्रमुख गैस कंपनियों से आरटीआई के जरिए हासिल की है. इसमें मध्यप्रदेश के आंकड़े भी चौंकाने वाले सामने आए हैं.

नीमच के चंद्रशेखर बताते हैं कि उनके घर में जो बाई काम करने आती है, उससे उन्होंने पूछा था कि क्या वह प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन का लाभ ले पा रही है. तो उनकी बाई ने बताया कि नहीं वह गैस रिफिल नहीं करा रही है. जब इसका कारण जानना चाहा तो मालूम चला कि पहला गैस कनेक्शन फ्री में मिलने के बाद दूसरी बार गैस रिफिल कराने के लिए मार्केट रेट के हिसाब से 887 रुपए में सिलेंडर लेना पड़ता है और उस पर मिलने वाली सब्सिडी जो लगभग 257 रुपए होती है, वह बाद में खाते में आती है. आम लोगों को यह सब्सिडी 57 रुपए ही मिलती है.

करोड़ों महिलाओं के रजिस्ट्रेशन, फिर भी नहीं ले रही फायदा

कुल मिलाकर महंगा गैस सिलेंडर लेने की क्षमता ना होने की वजह से बड़े पैमाने पर गरीब और बीपीएल कार्डधारी महिलाएं प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में रजिस्टर्ड होने के बाद भी गैस रिफिल नहीं करवा रही हैं. जबकि केंद्र और राज्य सरकारें दावें करती हैं कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में करोड़ों की संख्या में गरीब महिलाएं रजिस्ट्रेशन कराकर इस योजना का लाभ ले रही हैं और चूल्हे की तपन और धूएं के गुबार से मुक्त होकर अपना जीवन संवार पा रही हैं. लेकिन आंकड़े इसके विपरीत ही तस्वीर सामने रख रहे हैं.

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आंकड़ों से समझें, पूरे देश में कैसी है योजना की स्थिति?

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की ऐसी उपभोक्ता, जिन्होंने एक बार भी रिफिल नहीं कराया- एक करोड़ 34 लाख 57 हजार

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की ऐसी उपभोक्ता, जिन्होंने साल में सिर्फ एक बार ही रिफिल कराया- एक करोड़ 45 लाख 13000

नोट- (यह आंकड़ा भारत पेट्रोलियम, एचपी और इंडेन तीनों गैस एजेंसियों का है.)

मप्र में भी बुरे हाल, आंकड़े बता रहे?

  1. भारत पेट्रोलियम के आंकड़ों में मप्र में एक बार भी रिफिल नहीं कराने वालीं उपभोक्ता- 3,46,181
  2. भारत पेट्रोलियम के आंकड़ों में मप्र में साल में सिर्फ एक बार रिफिल कराने वालीं उपभोक्ता- 3,74,014
  3. इंडियन ऑयल के आंकड़ों में मप्र में एक बार भी रिफिल नहीं कराने वालीं उपभोक्ता- 1029952
  4. इंडियन ऑयल के आंकड़ों में मप्र में साल में सिर्फ एक बार रिफिल कराने वालीं उपभोक्ता- 830387

क्या है प्रधानमंत्री उज्जवला योजना?

पीएम उज्ज्वला योजना (PMUY Yojana) की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई है. जिसका संचालन पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है. इस योजना के माध्यम से देश की सभी एपीएल एवं बीपीएल कार्ड धारक गरीब परिवार की महिलाओं को गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाया जाता है. गांवों कस्बों की महिलाएं आज भी लकड़ी, कोयले के चूल्हे में खाना बनाती हैं जिसके धूएं से वातावरण प्रदूषित होता है. ऐसे में बीमारियों का भी डर बना रहता है. इसलिए सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से सभी महिलाओं को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि वातावरण को प्रदूषण मुक्त किया जा सके और महिलाओं को खाना बनाते समय धुएं से छुटकारा मिले.

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 2.0 के लिए ये है पात्रता?

- आवेदक महिला की उम्र न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए.
- एक ही घर में किसी भी ओएमसी से कोई अन्य LPG कनेक्शन नहीं होना चाहिए.
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे परिवार की महिलाएं.
- ऐसे लोग जो एसईसीसी के अंतर्गत आते हो.
- अनुसूचित जाति परिवार की महिलाएं.
- अनुसूचित जनजाति परिवार की महिलाएं.
- प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के एससी / एसटी लाभार्थी.
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY) की लाभार्थी महिलाएं.
- अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की महिलाएं.
- चाय और पूर्व चाय बागान जनजाति से संबंधित महिलाएं.
- वनवासी समुदाय की महिलाएं.
- द्वीप और नदी द्वीप समूह में रहने वाली महिला.

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