सास ने दिया नशा, देवरों ने किया गंदा काम..पति देखता रहा चुपचाप, MP के ग्वालियर से सामने आया चौंकाने वाला मामला

न्यूज तक

मुरैना की एक महिला ने अपने ससुरालवालों पर नशीली दवा देकर देवरों से शोषण कराने और पति द्वारा चुप रहने का गंभीर आरोप लगाया है. अब वह ग्वालियर में पुलिस से इंसाफ की गुहार लगा रही है.

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Gwalior में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है.
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मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है. दरअसल यहां की एक महिला ने अपने ही ससुराल वालों पर ऐसे आरोप लगाए हैं जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. महिला का कहना है कि उसे 9 सालों से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही थी और ये सब उसकी सास और देवरों की शह पर हो रहा था, जबकि उसके पति को सब मालूम होन के साथ भी वह बस तमाशबीन बना रहा.

पीड़िता के अनुसार उसकी सास उसे हमेशा नशीसी चीजें खाने को देती थी और जब वो बेसुध हो जाती, तो उसका देवर पीड़िता के साथ शारीरिक शोषण करता था. पीड़िता ने बताया कि यह सिलसिला शादी के कुछ महीनों बाद ही शुरू हो गया था. 

महिला ने दावा किया है कि पीड़ित के साथ जो हो रहा था उस घिनौने काम की जानकारी परिवार के हर सदस्य को थी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की. उल्टा, जब उसने विरोध करने की कोशिश की तो उसे चुप रहने की धमकियां दी जाने लगीं.

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पति ने नहीं दिया साथ

महिला ने बताया कि उसके साथ हो रहे इस अन्याय के खिलाफ उसके पति ने कभी इसका साथ नहीं दिया. सब जानते हुए भी न केवल वो चुप रहा, बल्कि आर्थिक तौर पर भी उसे कोई सहारा नहीं दिया. यहां तक कि जब वह नौकरी करने लगा, तब भी महिला को उसके हिस्से की जरूरतें नहीं मिल पाईं.

पीड़िता के अनुसार हालात इतने खराब हो गए कि उसे अपना ससुराल छोड़कर छुपकर ग्वालियर आना पड़ा. उसने बताया कि उसे डर है कि अगर वो मुरैना वापस गई, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है. इसी डर के कारण उसने ग्वालियर पुलिस मुख्यालय में अपनी शिकायत दर्ज करवाई.

जीरो एफआईआर दर्ज करने की तैयारी शुरू 

इस पूरे मामले में पुलिस ने महिला की सुरक्षा को देखते हुए उसकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जीरो एफआईआर दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है. महिला की शिकायत कंपू थाने भेज दी गई है जहां जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है. अगर जांच में उसके आरोपों की पुष्टि होती है, तो संबंधित लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है. 

मायके से भी नहीं मिला सहारा

पीड़िता बताती है कि उसे इस मामले में अपने मायके से भी किसी भी तरह की मदद नहीं मिली. ऐसे में अब वह अकेली ही इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है.

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