धीरेंद्र शास्त्री ने भरी हुंकार, बोले- सनातन विरोधी की बनेगी ठठरी और हरि उलाह वालों की…
Dhirendra Krishna Shastri: हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हरिहर तीर्थ के भूमि पूजन के मौके पर पहुंचे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हुंकार भरते हुए कहा कि सनातन विरोधियों की ठठरी बनेगी. इस कार्यक्रम के दौरान पं.धीरेंद्र शास्त्री और जगद्गुरु […]
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Dhirendra Krishna Shastri: हिन्दू राष्ट्र की मांग कर रहे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपने बयानों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. हरिहर तीर्थ के भूमि पूजन के मौके पर पहुंचे पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हुंकार भरते हुए कहा कि सनातन विरोधियों की ठठरी बनेगी. इस कार्यक्रम के दौरान पं.धीरेंद्र शास्त्री और जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बीच अनोखा स्नेह देखने को मिला.
कटनी जिले में विजय राघोगढ़ में हरिहर तीर्थ स्थल का निर्माण हो रहा है. सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसका भूमिपूजन किया. इस मौके पर धर्म गुरु पीठाधीश्वर सहित अनेक साधु संत भी पहुंचे थे. भूमि पूजन में जहा जुनापीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि व जगतगुरु रामभद्राचार्य उपस्थित रहे तो वहीं शाम को बागेश्वर धाम सरकार पं.धीरेंद्र शास्त्री भी हरिहर तीर्थ क्षेत्र ग्राम बंजारी पहुंचे थे.
हरि उलाह वालों की बनेगी गठरी
धीरेंद्र शास्त्री ने क्षेत्रीय विधायक संजय पाठक को अपना गुरुभाई बताते हुए कहा कि संजय ने श्री हरिहर तीर्थ का निर्माण करवाने का निर्णय लेकर हिंदू राष्ट्र का नया अध्याय शुरू किया है. जिससे सनातन विरोधी की ठठरी बंधेगी और हरि उलाह वालों की गठरी बंधने का समय आ गया है. यही नहीं आगे बागेश्वर धाम धाम के पीठाधीश्वर ने कहा कि ऐसे सनातनी हिंदू लोग जो कटने-बंटने का काम कर रहे थे, उनको जोड़ने का काम एक तीर्थ, एक छत करेगा. जो श्री हरिहर तीर्थ के माध्यम से होगा. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि यहां संतों के आने से क्या होगा पूछने वालों को बता दूं कि जिस प्रकार बसंत के आने से पूरे प्रकृति हरिभरी हो जारी है, ठीक उसी प्रकार जीवन में संत के आने से हमारे जीवन की संस्कृति भी हरिभरी हो जाती है.
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गुरू के सामने हुए दंडवत
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने गुरू रामभद्राचार्य जी से मुलाकात की. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के चरणों में दंडवत प्रणाम करते हुए उनका आशीर्वाद लिया. पं.धीरेंद्र शास्त्री अपने गुरु जगतगुरु रामभद्राचार्य जी से मिलकर भाव विभोर हो गए. गुरु और शिष्य के बीच स्नेह का यह नजारा जिसने भी देखा ,गदगद हो उठा.
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