मध्यप्रदेश की इन 6 वीआईपी सीटों पर रोचक होगा चुनाव, विस्तार से जानें यहां कौन हार रहा है?

एमपी तक

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 230 सीटों पर लड़ा जा रहा है लेकिन इनमें से कुछ ऐसी वीआईपी सीटें है, जिन पर चुनाव बहुत हद तक एक तरफा नजर आ रहा है.

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 230 सीटों पर लड़ा जा रहा है लेकिन इनमें से कुछ ऐसी वीआईपी सीटें है, जिन पर चुनाव बहुत हद तक एक तरफा नजर आ रहा है. इन सीटों को वीआईपी सीट इसलिए बोला जा रहा है कि इन पर बीजेपी और कांग्रेस के ऐसे कद्दावर नेता चुनाव लड़ रहे हैं जो कई दशकों से इन सीटों पर ही चुनाव लड़कर जीतते आ रहे हैं. ऐसी ही 6 विधानसभा सीटों को लेकर MP Tak ने राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार रशीद किदवई से बात की.

रशीद किदवई बताते हैं कि ऐसी 6 नहीं बल्कि दर्जनों सीट हैं, जहां पर बहुत हद तक चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए एक तरफा ही है. या तो इन सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार के जीतने की संभावना बहुत अधिक है या फिर कांग्रेस के.

क्योंकि इन सीटों पर खड़े उम्मीदवार मध्यप्रदेश की राजनीति के बड़े चेहरे हैं. पहली किश्त में हम आपको 6 वीआईपी सीटों का हाल बताते हैं कि इन सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस में से किसकी जीत होती दिख रही है और किसके हारने की संभावना अधिक नजर आ रही है.

ये हैं वो 6 वीआईपी सीट, जिन पर चुनावी गणित बहुत हद तक एक तरफा है

बुधनी- बुधनी में एक तरफा लड़ाई दिख रही है. मुख्यमंत्री के खिलाफ किसी को खड़ा करना था तो थोड़ा पॉपुलर चेहरा लाने की कोशिश विक्रम मस्ताल के रूप में कांग्रेस ने की है. लेकिन यहां एक तरफा लड़ाई दिख रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान को हरा पाना मुश्किल है.

छिंदवाड़ा- कमलनाथ के खिलाफ विवेक बंटी साहू भी यहां भी विक्रम मस्ताल जैसे ही हैं. सिंगल रेस है. कमलनाथ को भी यहां हरा पाना उतना ही मुश्किल है, जैसे बुधनी में शिवराज सिंह चौहान को हरा पाना. कमलनाथ यहां पर्चा भरके भी रह जाएं तो भी वे जीत जाएंगे लेकिन वे दिखाना चाहते हैं कि उनका यहां वर्चस्व है, इसलिए वे सक्रिय हैं.

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दतिया– नरोत्तम मिश्रा को लेकर दतिया में कभी चुनाव आसान नहीं रहा है. जमीनी स्तर पर उनको लेकर तरह-तरह की बातें करते हैं. कांग्रेस के राजेंद्र भारती सामने हैं. लेकिन नरोत्तम मिश्रा कैसे भी करके चुनाव निकाल लेते हैं. वो मुख्य रूप से जुगाड़ से जीतते रहे हैं लेकिन यदि बीजेपी के खिलाफ हवा जरा जोर से चली तो वे यहां चुनाव हार भी सकते हैं. नरोत्तम मिश्रा ने खुद को सीएम की रेस में दिखाकर जल्दबाजी की थी, जिसका उनको राजनीतिक नुकसान भी हुआ.

भोपाल मध्य सीट- आरिफ मसूद के खिलाफ बीजेपी ने ध्रुव नारायण सिंह को टिकट दिया है. ध्रुव शहला मसूद हत्याकांड के मामले में विवादित रहे हैं. यहां बीजेपी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश की लेकिन वो हो नहीं पा रहा है. यहां हर हाल में आरिफ मसूद दमदार दिख रहे हैं और जीतने की संभावना उनकी अधिक हैं.

भोपाल दक्षिण-पश्चिम सीट- कांग्रेस से यहां पीसी शर्मा चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी के भगवानदास सबनानी इनके खिलाफ मैदान में हैं. बड़ा ही दिलचस्प चुनाव होने वाला है. पीसी शर्मा सरकारी कर्मचारियों के अधिक संपर्क में हैं और उनके बीच प्रसिद्ध भी हैं. बीजेपी के भगवानदास सबनानी का सिंधी वोटर बड़े पैमाने पर यहां नहीं है. लेकिन पीसी शर्मा को लेकर भी चुनौती यहां कम नहीं है तो बहुत टाइट मुकाबला यहां हो सकता है.

रहली विधानसभा सीट- गोपाल भार्गव यहां से बीजेपी के उम्मीदवार हैं और कांग्रेस की ज्योति पटेल उनके सामने मैदान में हैं. लेकिन गोपाल भार्गव लंबे समय से इस सीट पर चुनाव जीत रहे हैं. वे कमलनाथ के समकालीन हैं. मुख्यमंत्री बदलते रहे लेकिन गोपाल भार्गव वैसे के वैसे ही रहे. उनकी बाजी उनके हाथ में हैं और उनको हरा पाना मुश्किल है. सीएम बनने के सपने वे काफी दिनों से देख रहे हैं लेकिन वो सीएम बनेंगे या नहीं, वो तो मुश्किल है कहना, लेकिन जीतने की संभावना उनकी बहुत अधिक है.

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