बीजेपी के पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भी माना, ‘छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है, कोई बच्चों का खेल नहीं’
MP POLITICAL NEWS: बीजेपी के पूर्व मंत्री और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने भी माना है कि ‘छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है और यहां पर जीत हासिल करना कोई बच्चों का खेल नहीं है’. गौरीशंकर बिसेन गुरुवार को छिंदवाड़ा में थे और यहां पर कुछ कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद […]
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MP POLITICAL NEWS: बीजेपी के पूर्व मंत्री और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने भी माना है कि ‘छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है और यहां पर जीत हासिल करना कोई बच्चों का खेल नहीं है’. गौरीशंकर बिसेन गुरुवार को छिंदवाड़ा में थे और यहां पर कुछ कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद मीडिया से मुखातिब थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि ‘छिंदवाड़ा में 7 विधानसभा सीट हैं. यदि इन सातों विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी की स्थानीय कमेटी एक मत से मेरे नाम का प्रस्ताव राज्य कमेटी और केंद्र की कमेटी को भेजती है तो फिर मैं छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ने पर विचार कर सकता हूं’.
दरअसल गौरीशंकर बिसेन बालाघाट की अपनी सुरक्षित सीट को छोड़कर छिंदवाड़ा की किसी एक सीट से चुनाव लड़ने को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. इन बयानों के जरिए वे अपनी बात बीजेपी चुनाव समिति तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. इसी क्रम में उन्होंने एक बार फिर से छिंदवाड़ा सीट से चुनाव लड़ने को लेकर ये बयान दे दिया. लेकिन इस बयान की वजह से एमपी कांग्रेस को वाहवाही लूटने का मौका भी मिल गया है.
क्योंकि गौरीशंकर बिसेन ने कह दिया है कि छिंदवाड़ा कांग्रेस का गढ़ है और यहां चुनाव जीतना बच्चों का खेल नहीं है. यानी एक तरह से गौरीशंकर बिसेन ने मान लिया है कि छिंदवाड़ में बीजेपी के लिए सीट निकाल पाना काफी मुश्किल है. उल्लेखनीय है कि छिंदवाड़ा से लंबे समय तक पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान पीसीसी चीफ कमलनाथ लोकसभा सांसद रहे हैं और वर्तमान में उनके बेटे नकुलनाथ छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा सांसद हैं. सातों विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस का ही कब्जा है.
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बयान देने के बाद पूर्व मंत्री सफाई भी देने लगे
बयान देने के बाद पूर्व मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने यह भी सफाई दी कि ‘कोई भी ये ना समझे कि मैं छिंदवाड़ा से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता हूं, इसलिए बार-बार यहां आता हूं. वो तो मीडिया ने सवाल किया तो मैंने ऐसा जवाब दिया था.बाकी यदि पार्टी मुझे छिंदवाड़ा से टिकट देती है और यहां के स्थानीय बीजेपी नेता इसे लेकर एकमत होते हैं और मेरे नाम का प्रस्ताव राज्य और केंद्रीय चुनाव समिति को भेजते हैं तो फिर जरूर यहां से चुनाव लड़ने पर विचार किया जा सकता है’.
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