हाईकोर्ट ने डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को दी बड़ी राहत, सरकार को दिए ये कड़े निर्देश
MP Election 2023: मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पद से इस्तीफा दे चुकीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगेर को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने शिवराज सरकार को निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं. वहीं अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते करने […]
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MP Election 2023: मध्य प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए पद से इस्तीफा दे चुकीं डिप्टी कलेक्टर निशा बांगेर को हाईकोर्ट ने बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने शिवराज सरकार को निशा बांगरे के इस्तीफे और चार्जशीट पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं. वहीं अब इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते करने के निर्देश दिए हैं. निशा बांगरे के इस्तीफे के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई नेक्स्ट वीक में तय की है.
इस मामले में कांग्रेस नेता और निशा बांगरे के वकील विवेक तन्खा ने कहा कि सरकार जान बूझकर मामले में लेटलतीफी कर रही हैं. अब तो प्रदेश में विधानसभा चुनाव और आचार संहिता लागू है. आखिर किसके कहने पर सरकार ये अपील पेश कर रही है. अगर सरकार ने सोमवार तक इस्तीफे पर फैसला नहीं लिया तो सोमवार को निर्वाचन आयोग में इस मामले में शिकायत की जाएगी. इसके बाद जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट में भी अपील करेंगे. बता दें कि निशा ने 22 जून को पद से इस्तीफ़ा दिया था.
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भोपाल पहुंचने पर हुई थी गिरफ्तारी
बता दें कि निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने के लिए डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा मंजूर करने और सरकार पर दबाव बनाने के लिए पैदल न्याय यात्रा निकाली थी, जब यात्रा भोपाल पहुंची तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और 24 घंटे के लिए जेल में डाल में दिया. दायर याचिका में निशा ने कहा है कि नियमानुसार एक महीने में इस्तीफा मंजूर कर लिया जाना चाहिए, लेकिन शासन ने अब तक नहीं किया. हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
बता दें कि निशा बांगरे चुनाव लड़ना चाहती हैं, इसलिए वह डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा देकर मुक्त होना चाहती हैं. निशा ने कहा कि जनप्रतिनिधि बनने हेतु मेरा इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया. सिर्फ एक महिला वो भी अनुसूचित जाति की होने के कारण मेरे स्वतंत्रता के अधिकार से मुझे वंचित ना रखा जाए.
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कौन हैं निशा बांगरे?
पद से इस्तीफा दे चुकी निशा बांगरे का जन्म बालाघाट में हुआ था. इन्होंने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज से 2010 से 2014 के बीच पढ़ाई की. इसके बाद अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम किया. हालांकि ये अपने इस काम के अलावा जनसेवा करना चाहती थीं. इस विचार को लेकर इन्होंने 2016 में एमपी पीएससी की परीक्षा दी और इनका चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ. वह उस समय चर्चा में आई थीं, जब हाथ में संविधान की प्रति लेकर सात फेरे लिये थे.