चंबल में चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका, दिग्विजय के इस करीबी नेता ने छोड़ दी कांग्रेस
Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, निशा बांगरे के बाद अब इस नेता पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
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Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं, एक के बाद एक नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. अब इस बीच कांग्रेस और दिग्विजय सिंह के बेहद करीबी माने जाने वाले भिंड लोकसभा सीट से 2019 के उम्मीदवार रहे देवाशीष जरारिया ने पार्टी को अलविदा कह दिया है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे को पत्र लिखकर कई आरोप लगाते हुए कांग्रेस छोड़ दी है.
बता दें 2019 में कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इस्तीफा दिया है. एमपीतक से फोन पर देवाशीष जरारिया ने की इस्तीफा देने की पुष्टि की है.
कांग्रेस ने मेरा भविष्य चौपट किया- जरारिया
देवाशीश जरारिया ने बताया कि मेरा भविष्य चौपट कर दिया. मुझे दिल्ली से यहां लेकर आए, मैं दिल्ली में अच्छी भली लॉ की पढ़ाई कर रहा था, यहां लाकर मुझे 5 साल क्षेत्र में काम करने को कहा, मेरा टिकट काट दिया, मुझे संगठन में भी कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई, हमारी ही समाज की निशा बांगरे का भविष्य भी कांग्रेस ने चौपट कर दिया. मुझे अन्य जगहों से ऑफर हैं, जल्दी ही इस बारे में प्रेस वार्ता आयोजित करके जानकारी दूंगा, फिलहाल उन्होंने बताया कि वे राजस्थान में हैं.
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आपको बता दें भिंड लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता फूल सिंह बरैया को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाय है, जब से कांग्रेस ने बरैया को अपना प्रत्याशी बनाया है तभी से वे नाराज बताए जा रहे थे. जो नाराजगी कई बार सोशल मीडिया तो कई बार पार्टी बैठकों में साफ तौर पर देखने को मिली है.
'पार्टी ने मेरे हक पर डांका डाल दिया'
जरारिया ने अपने इस्तीफे में लिखा "मेरा क्या कुसूर था, यही कि पार्टी के लिए दिन-रात मेहनत की, ग्रुप बाजी करके कांग्रेस में ही कांग्रेस को नहीं निपटाया" "कांग्रेस में जो भीतरघात करता है उसी को सबसे ज्यादा पूछा जाता है" "जो मेरे चरित्र में नहीं है" "पार्टी दलितों आदिवासियों, महिलाओं पिछड़ों के सम्मान और हक की बात करती है" लेकिन मेरे हक पर ही डांका डाल दिया"

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