MP: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही क्यों बढ़ी कड़कनाथ की डिमांड, कीमत जान उड़ जाएंगे होश
MP Election 2023: पश्चिम मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के झाबुआ (Jhabua) का कड़कनाथ मुर्गा अब चुनाव में तड़का बनने की तैयारी में है. आगामी नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) के चलते जुलाई-अगस्त में कड़कनाथ पालक कड़कनाथ चूजे (Kadaknath Chicks) जुटाकर उनको बढ़ा करने में जुटे हैं, ताकि जब नवंबर में चुनाव अपने पीक पर आए […]
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MP Election 2023: पश्चिम मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के झाबुआ (Jhabua) का कड़कनाथ मुर्गा अब चुनाव में तड़का बनने की तैयारी में है. आगामी नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव (Vidhansabha Chunav) के चलते जुलाई-अगस्त में कड़कनाथ पालक कड़कनाथ चूजे (Kadaknath Chicks) जुटाकर उनको बढ़ा करने में जुटे हैं, ताकि जब नवंबर में चुनाव अपने पीक पर आए तो यह चूजे खाने के काम में आ सकें और कड़कनाथ पालक चुनावी मौसम में दो गुनी से ढाई गुनी कीमत पाकर मुनाफा कमा सकें. कड़कनाक मुर्गा (Kadaknath Chicken) व्यापारियों के मुताबिक चुनावी समय में कड़कनाथ की डिमांड काफी बढ़ जाती है.
दरअसल सभी राजनीतिक दलों से जुड़े शौकीन लोग झाबुआ आने पर कड़कनाथ मुर्गा खाने की अपेक्षा करते हैं, इसलिए यह चुनाव (Madhya Pradesh Election) के समय महंगा हो जाता है. फिटवेल कहते हैं कि चुनाव में पीक पर आने यह दो हजार रुपए प्रति नग बिकता है .. यही वजह है कि कड़कनाथ मुर्गे की चुनाव में शामत आने वाली है क्योंकि बिना कड़कनाथ के तड़के के शायद चुनाव पूरा नहीं होगा, लेकिन इस तड़के से झाबुआ के कड़कनाथ पालको की जिंदगी गुलजार होने वाली है.

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इसलिए बढ़ी कड़कनाथ की डिमांड
झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग मिला हुआ है. सरकारी कड़कनाथ हेचरी के प्रमुख बी. एस. दिवाकर कहते हैं कि कड़कनाथ की अधिक खपत ठंड में होती है और इस बार चूंकि ठंड में ही चुनाव का सीजन है तो कड़कनाथ पालकों को अच्छा-खासा मुनाफा होगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ती है. दिवाकर कहते हैं कि विगत एक-डेढ़ महीने में ही 10 हजार से अधिक चूजे लोग हमसे ले जा चुके हैं. झाबुआ में एक ओर कड़कनाथ सेंटर कृषि विकास केंद्र में भी है. इस केंद्र के प्रमुख डॉक्टर जगदीश मौर्य भी कहते हैं कि ठंड और ऊपर से आने वाले चुनाव के चलते कड़कनाथ चूजों में उठाव हो रहा है. कड़कनाथ मुर्गा अपने औषधीय गुणों और इम्यूनिटी बुस्टर के रूप में जाना जाता है, यह फैट और कोलेस्ट्रॉल से मुक्त होता है और ताकत वाले तत्वों से भरपूर. साथ में स्वाद भी लाजवाब होता है, इसलिए इसकी डिमांड काफी है.
चुनावों में दोगुनी हो जाती है कीमत
कांग्रेस के संभागीय प्रवक्ता साबिर फिटवेल ने बताया कि आदिवासी बहुल जिले झाबुआ में अगर देखा जाए तो पूरे भारत में कड़कनाथ के नाम से पहचाना जाता है और अब यह चुनाव आने वाले हैं, उसमें जो बाहर के अतिथि आएंगे, भाजपा के नेता हो या कांग्रेस के नेता हो उनकी बस एक ही मांग रहते हैं कि कड़कनाथ मुर्गा. इस वजह से उस समय इन मुर्गों की डिमांड बढ़ जाती है. कड़कनाथ मुर्गा जो 500-600 रुपये में बिकता है, वही चुनावों में 1500 से 2000 ढाई हजार तक बिकता है.
झाबुआ के कड़कनाथ की डिमांड
किसान प्रवीण मैडा ने बताया कि कड़कनाथ की ठंड में डिमांड अच्छी आती है और इस बार चुनाव भी है. लिहाजा हमें अच्छा मुनाफा होना है. कड़कनाथ काफी महंगा बिक सकता है. चूंकि विधानसभा चुनाव में बड़ी संख्या में सियासत और उससे जुड़े लोग चुनाव अभियान में शिरकत करने झाबुआ आते हैं और चूंकि झाबुआ का कड़कनाथ विश्व प्रसिद्ध है. लिहाजा झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे को खाने की इच्छा इसकी मांग और कीमत बढ़ा देती है, इसलिए मांसाहारी लोग झाबुआ आने पर इसे खाने की इच्छा रखते हैं.
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