BJP की चौथी लिस्ट से इन मंत्रियों के नाम गायब, टिकट कटने का डर या रणनीति का हिस्सा! जानें

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी कर दी है. इस सूची में ज्यादातर मौजूदा मंत्री-विधायकों के नाम घोषित किए गए हैं. पूरी सूची में 24 मंत्रियों समेत सभी मौजूदा विधायकों को […]

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MP Election 2023: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है. चुनावों की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशियों की चौथी सूची जारी कर दी है. इस सूची में ज्यादातर मौजूदा मंत्री-विधायकों के नाम घोषित किए गए हैं. पूरी सूची में 24 मंत्रियों समेत सभी मौजूदा विधायकों को टिकट दिया गया है. इनमें 5 सिंधिया समर्थक मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं. लेकिन इस सूची ने 8 मौजूदा मंत्रियों की नींद उड़ा दी है. क्योंकि इन 8 नामों को छोड़कर सभी का नाम घोषित कर दिया गया है.

दरअसल बीजेपी ने अपने आठ मंत्री सुरेश धाकड़, ओपीएस भदौरिया, गौरीशंकर बिसेन, रामखेलावन पटेल, ऊषा ठाकुर, इंदर सिंह परमार, महेंद्र सिंह सिसोदिया, यशोधरा राजे सिंधिया का नाम अभी तक घोषित नहीं किया है. नाम न घोषित होने से सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. ऐसा माना जा रहा है कि इन मंत्रियों के टिकट पर तलवार लटकी हुई है, इसी कारण इनका अभी तक घोषित नहीं किया गया है. पूरी खबर में जानिए कैसे..?

ऊषा ठाकुर के नाम ऐलान क्यों नहीं?

पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर को संगठन ने तीन बार अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से टिकट दिया है और तीनों बार वे चुनाव जीतकर आई हैं. भाजपा की चौथी सूची में महू से उषा ठाकुर का टिकट होल्ड पर रखा है, इसके पीछे का कारण है कि शायद इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ऊषा ठाकुर का विधानसभा क्षेत्र भी बदल सकती है, तो वहीं दूसरी ओर बीते दिनों उनके विधानसभा क्षेत्र में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर बैनर-पोस्टर लगाए गए थे. ऐसा माना जा रहा है कि पार्टी इन्हीं सब संभावनाओं को तलाशने के बाद ही नाम घोषित करेगी.

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सुरेश धाकड़ पर संकट

पोहरी विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक और वर्तमान में पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री बनाया गया. उपचुनाव में वह बीजेपी के टिकट पर पोहरी विधानसभा सीट से जीते थे, जबकि साल 2018 में वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे. बीते कुछ महीनों में इनका बैनर पोस्टर को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद माना जा रहा था कि सिंधिया समर्थकों के आने के बाद बीजेपी में गुटबाजी सामने आ रही है. तो वहीं राजनीतिक जानकारों की माने तो सर्वे में इनका नाम पिछड़ता दिखाई दे रहा है. इसी कारण पार्टी पूरे विचार-विमर्श के बाद ही नाम की घोषणा कर सकती है.

गौरीशंकर बिसेन के नाम की घोषणा न होने के पीछे का कारण

गोरीशंकर बिसेन को शिवराज केबिनेट के अंतिम विस्तार में जगह दी गई थी. लेकिन इस सूची में इनका नाम होने से राजनीतिक गलियारों में अलग चर्चांए हैं. लोगों का मानना है कि इस बार गौरीशंकर बिसेन की जगह उनकी बेटी मौसम बिसेन चुनावी मैदान में हो सकती हैं. यही कारण है कि उनका नाम अभी इस लिस्ट में जारी नहीं किया गया है.

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ओपीएस भदौरिया का टिकट पक्का?

मध्य प्रदेश के भिंड जिले की मेहगांव विधानसभा सीट क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है. इसके अंतर्गत चार बड़े कस्बे मध्य में मेहगांव, पश्चिम में गोरमी, पूर्व में रौन और दक्षिण में अमायन आते हैं. साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेहद करीबी ओपीएस भदौरिया चुनाव लड़े और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राकेश शुक्ला को 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से हरा दिया था. इनका नाम भी लगभग तय माना जा रहा है कि पार्टी आने वाली सूची में शायद इनका नाम घोषित कर सकती है.

क्या होगी क्षेत्रों की अदला-बदली?

शुजालपुर में मंत्री इंदर सिंह चौहान को लेकर अटकलें हैं कि पार्टी उन्हें किसी अन्य जगह से चुनावी मैदान मे उतार सकती है. ऐसा माना जा रहा है कि सीट परिवर्तन को लेकर ही उनका घोषित नहीं किया गया है.

कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियो में अधिकतर लोगों के टिकट फाइनल हो चुके हैं. लेकिन इस लिस्ट में सिंधिया के बेहद करीबी माने जाने वाले महेंद्र सिंह सिसोदिया का टिकट पक्का नहीं हुआ है. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ऐसे विधायक जिनको लेकर क्षेत्र में विरोध हे उन्हें बदला जाएगा.

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